बरेली गेट रोड भी अछूता नहीं अतिक्रमण से
रामपुर। शहर में अस्थाई अतिक्रमण का दंश तेजी से बढ़ रहा है। बरेली गेट रोड पर भी खूब अतिक्रमण है। यहा
रामपुर। शहर में अस्थाई अतिक्रमण का दंश तेजी से बढ़ रहा है। बरेली गेट रोड पर भी खूब अतिक्रमण है। यहां सड़क किनारे ठेले वालों और खोखों का कब्जा है। दुकानों का सामान भी दुकान से बाहर तक लगा रहता है। इससे पैदल आने जाने वालों को परेशानियां होती हैं। वहीं, अक्सर जाम की दिक्कत भी होती है। आए दिन बड़े वाहन फंस जाते हैं, जिससे समस्या और अधिक हो जाती है।
अस्थाई अतिक्रमण का जाल पूरे शहर में है। फिर चाहे शहर की गलियां हों या प्रमुख मार्ग। हाइवे तक अतिक्रमण की जद से बाहर नहीं आ सके हैं। नैनीताल हाइवे से लेकर दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग तक पर दुकानदारों ने फुटपाथ कब्जा लिए हैं। शौकत अली रोड और जौहर अली रोड का भी यही हाल है। यहां फड़ विक्रेताओं ने फुटपाथ कब्जा लिए हैं। इससे पैदल आने जाने वालों को रास्ता तक नहीं मिल पाता और अक्सर हादसे हो जाते हैं। बरेली गेट रोड भी इन दिनों अतिक्रमण की जद में है। हालांकि, दो साल पहले तत्कालीन अधिशासी अधिकारी श¨हशाह वली खां ने इस रोड से बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटवाया था। पक्के मकान से लेकर दुकानों के स्लैब और खोखे पूरी तरह गायब साफ करा दिए थे। यहां तक कि रिक्शा स्टैंड भी तोड़ दिया गया था। यही नहीं इस बीच लोगों ने पथराव भी किया था, जिसमें ईओ श¨हशाह वली खां बुरी तरह घायल हो गए थे। किन्तु, इस सबके बावजूद उन्होंने पूरी रोड को अतिक्रमण के दंश से बाहर कर दिया था, लेकिन अब बरेली गेट रोड पर अस्थाई अतिक्रमण बढ़ने लगा है। जगह जगह ठेलों और खोखों ने सड़क किनारे कब्जा जमा लिया है। दुकानदारों की दुकानों का सामान सड़क तक फैला रहता है। बरेली गेट के पास तो कई मैकेनिकों की दुकानें हैं, जो सड़क किनारे ही रिपेय¨रग आदि का काम करते हैं। मजार के पास भी कई खोखे बने हैं। चाय के होटलों की भट्टियां सड़क किनारे नजर आती हैं। फलों और सब्जियों के ठेले खड़े रहते हैं। जगह जगह लगी वाहनों की कतारें लोगों की मुश्किलें और बढ़ा देती हैं। सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब कोई बड़ा वाहन आ जाए। वाहन के निकलने तक के लिए जगह नहीं मिल पाती। वहीं, अतिक्रमण की वजह से जाम की समस्या भी खड़ी हो जाती है। इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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शहर से अतिक्रमण की समस्या को दूर करने के लिए नगर पालिका को ठोस कदम उठाने होंगे। इसके लिए क्षेत्रवार टीमें बनाकर जिम्मेदारी सौंपी जाए, ताकि शहर के प्रमुख बाजार अतिक्रमण की समस्या से बाहर आ सकें और लोगों को आएदिन लगने वाले जाम से निजात मिल सके।
मोहम्मद असलम
अतिक्रमण करने के लिए दुकानदार जिम्मेदार हैं। ऐसे में उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। दुकानदारों के सहयोग के बिना शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए नगर पालिका को चाहिए कि दुकानदारों को अतिक्रमण के नुकसान बताएं बताएं, ताकि स्थाई रूप से समस्या दूर हो सके।
प्रीतम ¨सह
नगर पालिका अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आए। तभी अतिक्रमण हट सकेगा। साथ ही नगर पालिका को भीड़भाड़ वाले बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे जहां तहां वाहन न खड़े हों और शहर की सड़कें अतिक्रमण से मुक्त हो सकें।
नदीम
अतिक्रमण के तमाम नुकसान हैं। इससे जाम की समस्या होती है और दुर्घटनाओं का डर बना रहता है। ऐसे में बाजारों को अतिक्रमण से निजात दिलाया जाना जरूरी है। इसमें दुकानदार भी सहयोग करें तो समस्या आसानी से दूर हो सकती है।
बब्लू सैनी
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दफ्तर से बाहर नहीं निकल पा रहे पालिका अफसर
रामपुर। शहर में अतिक्रमण की समस्या दिन व दिन बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण नगर पालिका अफसरों की शिथिलता भी है। दरअसल, नगर पालिका में अतिक्रमण हटाने के लिए एक टीम गठित की गई थी, जिसमें अधिशासी अधिकारी, नगर अभियंता, ड्राफ्टसमैन, कर निर्धारण अधिकारी और प्रभारी संपत्ति अधिकारी को शामिल किया गया था। किन्तु, ये टीम अतिक्रमण हटाने को लेकर गंभीर नहीं है। हालांकि, पिछले दिनों दैनिक जागरण के अभियान ये फुटपाथ हमारा है का संज्ञान लेते हुए नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने अस्थाई अतिक्रमण को साफ करने और फुटपाथ को कब्जों से मुक्त कराने की बात कही थी। इसके बाद कुछ दिन तो इसका असर नजर आया, लेकिन अब अफसर दफ्तर से बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं। अफसरों की इसी लापरवाही का नतीजा है, जो शहर की सड़कें, फुटपाथ और यहां तक कि हाइवे तक अतिक्रमण फैला हुआ है।