हरियाणा और बिहार में भी रामपुरी बीज की डिमांड
रामपुर। जिले की बिलासपुर तहसील सीडस प्लांट का हब बन चुकी है। यहां पचास से भी अधिक सीडस प्लांट हैं,
रामपुर। जिले की बिलासपुर तहसील सीडस प्लांट का हब बन चुकी है। यहां पचास से भी अधिक सीडस प्लांट हैं, जहां विभिन्न प्रजातियों के धान और गेंहू का बीज तैयार किया जाता है। इस बीज के जरिए किसान फसलों का अच्छा उत्पादन हासिल कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ बिहार और हरियाणा में भी इस बीज की काफी डिमांड है।
चाकू के नाम से मशहूर रामपुर अब कृषि क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। तराई क्षेत्र होने की वजह से यहां न सिर्फ विभिन्न प्रकार के धान और गेंहू की खेती होती है, वहीं बीज का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है। बिलासपुर तहसील तो बीज का हब बन चुकी है। यहां पचास से भी अधिक सीडस प्लांट है, जहां धान और गेंहू की विभिन्न प्रजातियों का बीज तैयार किया जाता है, जिसे बाद में किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। यह बीज सिर्फ रामपुर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के प्रदेशों में भी इसकी काफी डिमांड है। बिलासपुर बीज उत्पादक संघ के अध्यक्ष अमृतपाल ¨सह गिल बताते हैं कि बिलासपुर के किसानों ने फसलों की गुणवत्ता को बनाए रखने में बड़ा योगदान दिया है। यहां की फसल में एकरूपता होती है और मिलावट नहीं होती, जिस कारण बीज और बेहतर तरीके से तैयार किया जाता है। किसान यहां के बीज का इस्तेमाल कर फसलों का उत्पादन करीब बीस से तीस प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर में करीब हर साल दस लाख कुंटल गेंहू और इतना ही धान का बीज उत्पादन किया जाता है। यहां के बीज की बेहतर गुणवत्ता और कम दाम होने की वजह से बिहार, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड आदि राज्यों में डिमांड तेजी से बढ़ रही है।