किसानों ने जुलूस निकाल किया प्रदर्शन
रामपुर। किसानों की मौत को बीमारी बताने के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन शनिवार को सड़क पर उतर आई। किसानों
रामपुर। किसानों की मौत को बीमारी बताने के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन शनिवार को सड़क पर उतर आई। किसानों ने पंचायत कर फसलों के सदमें में मरे किसानों को मुआवजा देने की मांग की और जुलूस लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे। जिलाधिकारी कार्यालय तक जाने से रोकने पर किसानों की पुलिस से नोकझोक हुई, जिसके विरोध में धरने पर बैठ गए।
जिले भर से आए किसान शनिवार को भाकियू के सिविल लाइन स्थित कार्यालय पर एकत्र हुए। उन्होंने पंचायत कर समस्याएं उठाई और समाधान कराने पर जोर दिया। इस मौके पर मंडल उपाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि किसानों की फसलें बारिश, आंधी और ओले पड़ने से तबाह हो गई, जिसके सदमे में किसान मर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इन्हें बीमारी से मौत बता रहा है। किसानों को बीमे का पैसा भी दिलाया जाए। बाद में किसान हाईवे से होकर जुलूस लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन पुलिस ने गेट बंद कर दिया। इससे किसान भड़क गए। पुलिस से तीखी नोकझोक हुई। किसानों का कहना था कि बस्ती के लोगों को और सियासी लोगों को पुलिस नहीं रोक पाती, लेकिन किसानों को रोका जा रहा है। किसानों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और धरना देकर बैठ गए। डिप्टी कलक्टर को ज्ञापन देने से मना कर दिया। बाद में एडीएम एमपी सिंह किसानों के बीच पहुंचे और ज्ञापन लिया। इसमें अब तक सदमें से मरे किसानों को मुआवजा देने की माग की। बीमा कंपनियों से भी बीमे की राशि दिलाने की भी मांग की है। कहा कि किसान हर साल करोड़ों रुपये का प्रीमियम देते हैं, जिसका लाभ दिलाया जाए। गन्ने का पैसा दिलाया जाए।
प्रदर्शन करने वालों में वीरेन्द्र सिंह यादव, होरीलाल, मोहम्मद तालिब, प्रतिपाल गिल, सुखदेव सिंह, चौधरी अजित सिंह, जब्बार, मोहम्मद शाहीन, भीकम सिंह, तौहीद हसन, वेदराम, अशर्फीलाल, राजाराम, दिलशाद, दंगल सिंह, साबिर, इदरीस, नरपत, रामौतार आदि शामिल रहे।