अपडेट::रामपुर डिस्टलरी में दो सिपाहियों की मौत
रामपुर। सिविल लाइंस थानांतर्गत रामपुर डिस्टलरी में आबकारी विभाग के दो सिपाहियों की मौत हो गई। दोनों
रामपुर। सिविल लाइंस थानांतर्गत रामपुर डिस्टलरी में आबकारी विभाग के दो सिपाहियों की मौत हो गई। दोनों के शव कूलिंग प्लांट में पाए गए। इस मामले में डिस्टलरी के निदेशक केपी सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
रेडिको खेतान की रामपुर डिस्टलरी में आबकारी विभाग का कार्यालय भी है। यहां तैनात सिपाही वकील अहमद और संजय सिंह सोमवार को ड्यूटी पर थे। उनके साथ रवि नाम का सिपाही भी था। रात करीब दस बजे रवि शौच के लिए चला गया। वापस लौटा तो दोनों साथी सिपाही गायब थे। उसने काफी तलाश किया तो दोनों के शव डिस्टलरी के कूलिंग प्लांट में मिले। उसने इसकी सूचना सहायक आबकारी आयुक्त ओमवीर सिंह को दी। इसके बाद दोनों सिपाहियों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सिपाहियों के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया। वकील अहमद का भाई जमील अहमद भी रामपुर पुलिस में तैनात है। उसने डिस्टलरी डायरेक्टर केपी सिंह पर हत्या कराने का आरोप लगाया। उसका कहना था कि केपी सिंह का उसके भाई से मनमुटाव चल रहा था और वह उसके भाई को डिस्टलरी आबकारी की ड्यूटी से हटाना चाहते थे। पुलिस ने केपी सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (षड्यंत्र रचना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। मृतक दोनों सिपाही मूल रूप से बिजनौर जनपद के थे। इनमें संजय सिंह पुत्र राम शरण सिंह निवासी ग्राम आलमपुर गॉवड़ी, थाना अफजलगढ़ का है। दूसरा सिपाही वकील अहमद पुत्र बुन्दू अहमद ग्राम हसनपुर, थाना रहड़ का है। संजय सिंह डिस्टलरी के करीब ही शिवापुरम कालोनी में रह रहा था, जबकि वकील अहमद का परिवार सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के अजीतपुर में रह रहा था।
डिस्टलरी की ओर से भी सुरक्षा अधिकारी ने पुलिस को तहरीर दी है, जिसमें कहा है कि दोनों सिपाहियों की ड्यूटी दिन में थी। रात में ड्यूटी नहीं थी, ऐसे में वे डिस्टलरी क्यों पहुंचे। उनकी जैकेट से शराब की बारह-बारह बोतलें बरामद होने की बात कही गई है। डायरेक्टर केपी सिंह का कहना है कि उनका कोई दोष नहीं है। जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी।