सबसे शुद्ध और वैज्ञानिक भाषा है हिंदी
रामपुर। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चंद्र प्रकाश सक्सेना 'कुमुद' ने कहा कि प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति और मौलिक विशेषता होती है, जो भाषा का सौन्दर्य बढ़ाती है। हिंदी एक महत्वूपर्ण भाषा है। विश्व पटल पर यह सिद्ध हो चुका है कि हिंदी भाषा अपनी लिपि और उच्चारण के अनुसार सबसे शुद्ध और वैज्ञानिक भाषा है। वह रजा लाइब्रेरी में मंगलवार को हुए राजभाषा पत्रिका का विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस दौरान लाइब्रेरी में मुद्रित पुस्तकों की विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई।
साहित्यकार श्री 'कुमुद' ने पत्रिका का विमोचन और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। साथ ही हिन्दी भाषा में रजा लाइब्रेरी के संक्षिप्त इतिहास वाले संगमरमर की शिलापट का भी अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। हिंदी दिवस विश्व भर में हिंदी प्रेमी और साहित्य प्रेमी के लिए ऐतिहासिक पर्व और महापर्व के समान है। भारत के साथ साथ विश्व के कई देशों में हिंदी दिवस भरपूर उत्साह से मनाया जाता है। आज हिंदी का जो स्वरूप है उसे भारतेन्दु हरीश चंद्र, पंडित बाल कृष्ण भट्ट, बद्री नारायण प्रेमघन जैसे साहित्यकारों ने अपने खून से सींचा है। लाइब्रेरी निदेशक प्रोफेसर एसएम अजीजुद्दीन हुसैन ने कहा कि सूफियों ने अपना विस्तार करने के लिए तुर्की, अरबी, फारसी, उर्दू, भाषा के साथ साथ हिंदी को भी उचित सम्मान दिया। बाबा फरीद ने पंजाबी सीखी और उसमें कुछ रचनाएं भी लिखी। आज भी गुरुवाणी के पाठ में बाबा फरीद की वाणी भी गाई जाती है। समन्वयक हिमांशु सिंह ने तकनीकी ज्ञान भी हिंदी भाषा में होने पर जोर दिया। शबाना अफसर ने हिंदी को हिन्दुस्तान से जोड़ने वाला बताया। इससे पूर्व डॉ. अनवारूल हसन कादरी ने तिलावते कुरान और नवेद केसर शाह ने नाते शरीफ प्रस्तुत की। अंत में अरुण कुमार सक्सेना ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. अबुसाद इस्लाही, डॉ. रघुवीर शरण शर्मा, हीरा लाल किरण, सआदत उल्ला खां, डॉ. विजय कुमार, डॉ. मोहसिन, डॉ. मेंहदी हसन आदि उपस्थित रहे। वहीं दरबार हाल में लगी प्रदर्शनी में कई भारतीय इतिहास की कई पुस्तकें प्रदर्शित की गई है, जिसकी दुर्लभ जानकारी लोगों को काफी पसंद आई। प्रदर्शनी 28 सितंबर तक चलेगी।