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हमलावरों ने सिर पर साधा था निशाना

जासं, रायबरेली : ऊंचाहार के इटौरा बुजुर्ग में सामूहिक हत्याकांड में मारे गए पांचों युवकों के सिर

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 11:13 PM (IST)
हमलावरों ने सिर पर साधा था निशाना
हमलावरों ने सिर पर साधा था निशाना

जासं, रायबरेली : ऊंचाहार के इटौरा बुजुर्ग में सामूहिक हत्याकांड में मारे गए पांचों युवकों के सिर को निशाना बनाया गया, ताकि किसी के बचने की उम्मीद न रहे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी के सिर में फ्रैक्चर और खून का थक्का मिला है। वारदात में दो लोगों का शरीर पूरी तरह से जल गया और बाकी तीन की चमड़ी आग की लपटों से झुलसी मिली है। सांस न ले पाने और कोमा में चले जाने की वजहों से पांचों की मौत हुई है।

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इटौरा बुजुर्ग के मजरे अप्टा और बरगदहा के बीच देवरा (प्रतापगढ़) के पूर्व प्रधान रोहित शुक्ल की कार रविवार रात पोल से टकराकर पलट गई थी। हमलावरों ने रोहित व उनके प्राइवेट गनर बृजेश शुक्ल को कार के भीतर बंद करके आग के हवाले कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रोहित और बृजेश के सौ फीसद आग से झुलसने की बात सामने आई। रोहित के सिर के पीछे का हिस्सा दबने से हड्डी टूट गई थी। धुएं की वजह से सांस न ले पाना रोहित की मौत का कारण बना। गनर बृजेश शुक्ल का भी सिर दबने से हड्डी टूटी और ब्रेन हैमरेज से मौत हुई। भीड़ से बचने के लिए कार से निकलकर भागने वाले अनूप मिश्र, भास्कर मिश्र और नीरज शुक्ल को क्रूरतापूर्वक मौत के घाट उतारा गया। अनूप के दाहिने पैर में गोली मारी गई। उसके सिर में गहरी चोट पहुंचायी गई। भास्कर के जबड़े को बुरी तरह से कुचला गया। नीरज के सिर के पीछे के हिस्से को कुचल दिया गया, जिससे उसके सिर की हड्डी टूट गई और ब्रेन हैमरेज हो गया।

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आग की लपट में झुलस गई डेड बाडी

भीड़ ने अनूप मिश्र, भास्कर मिश्र और नीरज शुक्ल को पीट-पीटकर मार डाला था। उन तीनों के शव दुर्घटनाग्रस्त कार के पास ही पड़े हुए थे। बाद में कार को आग के हवाले कर दिया गया। कार में पेट्रोल डालकर आग लगाई गई, जिसके वजह से गाड़ी से निकली आग की लपटें दूर तक निकलीं। तीनों की लाशें कार के पास महज आठ से दस फीट पर पड़ी थीं जो लपटों के संपर्क में आने से झुलस गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। सिर्फ रोहित और बृजेश की बाडी ही सौ प्रतिशत जली मिली है, जो जली हुई गाड़ी के अंदर से क्षतविक्षत हालत में निकाली गई थी।

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कार में छटपटाते रहे रोहित व नरेंद्र

हमलावरों ने जब कार को आग के हवाले किया तो रोहित व नरेंद्र आग की चपेट में आकर छटपटाते रहे। इस दौरान दोनों ने कार से बाहर निकलने की खासी कोशिश की लेकिन गले की वेन्ट्राइल नस चोक होने से दोनों की मौत गई। इसमें से एक शव कार के पीछे की सीट पर मिला था।

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