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ठंड का सितम दरकिनार, करेंसी की है जरूरत

रायबरेली : नोटबंदी का सितम ठंड के कहर पर अधिक भारी पड़ रहा है। करेंसी की कमी का यह हाल है कि जानलेवा

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 11:30 PM (IST)
ठंड का सितम दरकिनार, करेंसी की है जरूरत

रायबरेली : नोटबंदी का सितम ठंड के कहर पर अधिक भारी पड़ रहा है। करेंसी की कमी का यह हाल है कि जानलेवा ठंड को दरकिनार कर लोग बैंक व एटीएम के बाहर लाइन में खड़े होकर ठिठुरने को मजबूर हैं। जिले में आरबीआइ आवश्कयता के अनुरूप करेंसी नहीं भेज रहा है। शहर की बैंकों में 15 फीसद तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 फीसद करेंसी भेजी जा रही है। एटीएम में महज 3 से 5 फीसद करेंसी चेस्ट में डाली जा रही है।

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गुरुवार को भयानक ठंड रही लेकिन उसके बाद भी लोग बैंक व एटीएम के बाहर जुटे। शहर में आधा दर्जन एटीएम चलते मिले। जिस पर सुबह के समय जबरदस्त भीड़ रही। बैंकों में भी लोग पैसे के आहरण के लिए पहुंचे। शहर की बैंकों में 10 हजार से कम रुपए की करेंसी दी गयी तो ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ठंड सहने के बाद करेंसी न मिलने से मायूस दिखे। लोगों का कहना था कि कोई व्यवस्था नहीं की गयी तथा नोटबंदी कर दी गयी। इस समस्या ने घर गृहस्थी को बिगाड़ कर रख दिया है। अभी तक वेतन व पेंशन निकल नहीं सकी है।

व्यापार को लग रहा तगड़ा झटका

नोटबंदी के बाद से जिले का व्यापार पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। दुकानदारों के पास माल खरीदने का पैसा नहीं है। क्रेडिट पर थोड़ा माल मिल जाता है तो उसी से दुकान चल रही है। हर दिन व्यापार को 200 करोड़ का चूना लग रहा है। सहालग के समय सराफा बाजार में मंदी छाई हुई है। सराफा व्यापारियों का कहना है कि 5 करोड़ की चपत हर दिन चपत लग रही है।

आरबाआइ से की गयी है मांग

बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधक एपी गुप्ता का कहना है कि आरबीआइ से करेंसी की दिक्कत दूर करने के लिए कहा गया है। पीएनबी के प्रबंधक जय शंकर श्रीवास्तव का कहना है कि जो करेंसी मिल रही है उसी के मुताबिक लोगों को पैसा दिया जा रहा है। आरबीआइ से किल्लत दूर करने के लिए कहा गया है।


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