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घटतौली और मिलावट के खेल में प्रशासन फेल

रायबरेली: मिलावट और घटतौली की समस्या ग्राहकों के सामने मुंह बाये है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल

By Edited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 10:47 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 10:47 PM (IST)
घटतौली और मिलावट के खेल में प्रशासन फेल

रायबरेली: मिलावट और घटतौली की समस्या ग्राहकों के सामने मुंह बाये है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल पंपों पर मिलावट और घटतौली जैसी समस्या से निपटने के लिए आटोमैटिक मशीनों की अनिवार्यता कर दी थी बावजूद सरकार का यह प्रयोग किए भी मायने में सफल नही हो रहा है। ऑयल कंपनियों व प्रशासनिक अफसरों ने आंखें मूंद रखी हैं। चे¨कग और कार्रवाई के नाम पर रस्मअदायगी की जा रही है। रायबरेली में पांच दर्जन से अधिक पेट्रोल पंप हैं। इन पंपों में घटतौली और मिलावट की समस्या हर ग्राहकों की जुबानी सुनी जा सकती है। हालात यह है कि पेट्रोल पंपों के अलावा ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में सड़क किनारे नकली पेट्रोल की बिक्री का लंबा खेल हो रहा है।

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ये है हाल

केस एक : शहर निवासी शंभू त्रिवेदी शहर के मेटल चौराहा स्थित पेट्रोल पंप में पेट्रोल भराने गए थे। इनका कहना है कि पेट्रोल में पानी मिला था। इसकी लिखित शिकायत पूíत कार्यालय में की गई लेकिन शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। केस दो: ग्राहक राजन शुक्ला कहते हैं पेट्रोल में साल्वेंट मिलने की शिकायत दो महीना पहले जिला प्रशासन के समक्ष की गई लेकिन निस्तारण नही हुआ है।

केस तीन : विनय त्रिवेदी ने बताया कि जगतपुर, ऊंचाहार आदि में मिलावटी पेट्रोल सड़क किनारे बेचा जा रहा है। इसकी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

केस चार: शहर के विवेक ¨सह ने बताया कि ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर आटोमैटिक मशीनों में धनराशि की फी¨डग के बावजूद एक आध प्वाइंट पेट्रोल कम दिया जाता है। इसकी कई शिकायत की जा चुकी है लेकिन आज तक मेरी शिकायत का निस्तारण ही किया गया।

ऐसे हो रहा है मिलावट का खेल :

- पेट्रोलियम मंत्रालय ने 10 फीसदी एथेनॉल युक्त पेट्रोल की बिक्री की अनुमति दी है। कमीशन में भी बढ़ोत्तरी की गई है। अब पेट्रोल के सवा दो रुपए लीटर और डीजल में सवा एक रुपए प्रति लीटर की कमीशन दिया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि केमिकल फैक्ट्रियों से पेट्रोल से मिलता जुलता एक सॉलवेंट (तेल) खरीदकर पेट्रोल में मिलाया जाता है। जब कि डीजल में कैरोसिन मिलाया जाता है। - अंडरग्राउंड टैंकों में इसकी मिलावट हमेशा की जाती है। जबकि इन टैंकों में जितना पेट्रोल होता है वह पंप में मौजूद दस्तावेजों में अंकित किया जाता है।

- आटोमैटिक मशीन से जिस तेल की ब्रिकी होती है वह मशीन की चिप में फीड होता है। जो तेल बेचा जाता है उसका जिक्र फी¨डग के रूम में होती रहती है।

- घटतौली और मिलावट रोकने के लिए आयल कंपनियों की मोबाइल लैब भी होती है जिसमें पेट्रोल और डीजल के नमूने भेजे जाते हैं। रायबरेली से 2 सालों में कंपनियों में भेजे गए नमूनों की संख्या एक सैकड़ा से ज्यादा नहीं है।

- जिले के अधिकांश पेट्रोल पंपों में हवा भरने के साधन नहीं हैं जब कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने यह सख्ती के साथ आदेश दे रखा है। इसके अलावा शुद्ध पानी की उपलब्धता और शौचालय की भी पंपों में महज खानापूरी जैसी ही है।

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पेट्रोल भराने से पहले ग्राहक यह करें :

-पेट्रोल व डीजल डलवाने से पहले मशीन शून्य पर है यह जरूर देखें ।

-जितने रुपए का पेट्रोल या डीजल डलवाना है, वह सामने फीड करवाएं

- अगर कर्मचारी द्वारा पूरा डीजल या पेट्रोल नहीं दिया जाता है तो शिकायत मैनेजर या आयल कंपनी से करें ।

- ग्राहक को यदि तेल की मात्रा पर शक हो तो उसे चेक करवाएं

रायबरेली जिले में पेट्रोल पंपों की स्थिति:

कुल पेट्रोल पंप : 69

इंडियन आयल : 43

भारत पेट्रोलियम : 12

¨हदुस्तान पेट्रोलियम आयल : 9

एसआर आयल : 5

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साहब बोले :

जिले के पेट्रोल पंपों पर पूरी निगाह रहती है। शिकायत होने पर प्रभावी जांच होती है। कंपनियों की ओर से खुद तीन माह बाद सैंप¨लग कराई जाती है। विभाग को सैंप¨लग कराने की फुरसत कम ही मिल पाती है। यदि कोई शिकायत मिलेगी तो विभाग जांच कराएगा। कई शिकायतें मिली भी हैं लेकिन उन शिकायतों में सच्चाई नहीं मिली। घटतौली रोकने का काम बांट माप विभाग का है।

एवी अहिरवार जिला पूíत अधिकारी , रायबरेली


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