पटरी पर नहीं आ सकी बिजली, चोरी पर नकेल नहीं
रायबरेली : तूफान आने के बाद से बिजली व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। ट्रि¨पग तथा अघोषित कटौती ने ल
रायबरेली : तूफान आने के बाद से बिजली व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। ट्रि¨पग तथा अघोषित कटौती ने लोगों को परेशान करके रख दिया है। वहीं बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए कोई अभियान पिछले कई महीनों से नहीं चलाया गया है। शहर में बिजली की समस्या से लोगों का बुरा हाल है। धरना प्रदर्शन पर केवल आश्वासन का झुनझुना थमा दिया जाता है।
वीआइपी शहर में बिजली का रोना कायम है। सोमवार को आए तूफान के बाद बिजली व्यवस्ता धवस्त हो गई, शहर के सिविल लाइन, गोरा बाजार, इंदिरा नगर, मानस नगर सहित आधा सैकड़ा से अधिक क्षेत्रों में बिजली की समस्या बनी हुई है। शहर में लो वोल्टेज की समस्या भी गंभीर है जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। असल में शहर की बिजली व्यवस्था 254 ट्रांसफार्मर पर टिकी हुई है और इनकी दशा इतनी खराब है कि यह कभी भी दगा दे सकते है। यह ट्रांसफार्मर लोड नहीं उठा पा रहे है। बिजली विभाग इनकी ओवरहा¨लग कर काम चला रहा है और दर्द शहर को लोगों को सहना पड़ रहा है।
बिजली चोरी चरम पर
शहर में पिछले साल जुलाई में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया गया था उस दौरान शासन के चाबुक के कारण जमकर धरपकड़ हुई थी। तिलोयाकोट उपकेंद्र का लोड फैक्टर भी कम हो गया था। शासन के दिशा निर्देश की अवधि समाप्त होते ही बिजली चोरी फिर से शुरू हो गई। शहर में फिरोज गांधी नगर, इंदिरा नगर, सिविल लाइन, कहारो का अड्डा, कृष्णा नगर आदि में जमकर चोरी हो रही है। हाईवे का हाल यह है कि बिजली विभाग से से¨टग कर दुकानदार जमकर बिजली चोरी कर रहे हैं। न इनके पास मीटर है न केबिल, कटिया डालकर दुकान में बिजली जलाई जा रही है। खास बात यहा भी है कि बिजली विभाग के कर्मचारी भी धड़ल्ले से बिजली जला रहे है। जबकि शासन का आदेश है कि बिजली कर्मियों के घर भी मीटर लगेंगे। कारखानों का हाल यह है कि चोरी से डबल कनेक्शन चलाए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारी से¨टग के कारण इससे से नजर दूर किए हुए हैं। सपा नेता ओपी यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
35 हजार उपभोक्ता फिर भी बिजली का संकट
शहर में बिजली विभाग के आंकड़ों में 35 हजार उपभोक्ता दर्ज है और उसके लिए 5 लाख यूनिट बिजली की जरूर है उसके बाद भी इस समय 8 लाख यूनिट बिजली की जरूरत है। असल में बिजली चोरी इस समस्या की सबसे बड़ी जड़ है और विभाग के अधिकारी अपनी से¨टग के कारण इस पर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।