रोक मुश्किल, सड़क पर दौड़ रहे यमदूत
रायबरेली : डग्गामार वाहनों की रफ्तार पर कोई लगाम नहीं कसी जा सकी है। सड़क पर यह वाहन खुलेआम यमदूत सर
रायबरेली : डग्गामार वाहनों की रफ्तार पर कोई लगाम नहीं कसी जा सकी है। सड़क पर यह वाहन खुलेआम यमदूत सरीखे दौड़ रहे हैं। इन पर रोक लगाने को लेकर एआरटीओ ने कभी कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं। इन सब के बीच रोडवेज को हर माह करीब 2 से 3 लाख का चूना लग जाता है। उधर लोगों को भी इन वाहनों पर सवारी करने के लिए तकलीफ के साथ-साथ चालक-परिचालक की मनमानी भी सहनी पड़ती है।
जिले में डग्गामार वाहनों की संख्या का कोई हिसाब किताब नहीं है। ऐसे तो आरटीओ की रिपोर्ट के मुताबिक 1 हजार वाहन गैर जनपदों के दौड़ रहे हैं। इनमें अधिकतर भार वाहन है जो फैक्ट्रियों से जुड़े हुए हैं। वहीं डग्गामार वाहन पर कोई सटीक संख्या नहीं है। मैजिक, बोलेरो तथा टैंपो अधिक संख्या में हैं। मैजिक में 20 से 22 सवारियां भरी जाती हैं तो वहीं टैंपो में 12 सवारी बैठायी जाती हैं। सवारी अधिक होने के कारण अक्सर यह वाहन दुर्घटना का पर्याय बनते रहे हैं। जब कभी एआरटीओ ने अभियान चालाया तो सड़क पर डग्गामार वाहन चलना बंद हो गए उसके बाद फिर से इनकी आमद शुरू हो जाती है।
सड़क पर रहता कब्जा
डग्गामार वाहन के संचालकों का रैकेट इतना तगड़ा ह कि यह सड़क पर भी कब्जा जमाने में पीछे नहीं रहते।सड़क पर वाहन खड़ा कर सवारियों के बुलाया जाता है। सलोन, गुरूबक्शगंज, राही, परशदेपुर, सरेनी में तो इनकी तूती बोलती है।
बिना फिटनेस के दौड़ते वाहन
डग्गामार वाहनों में फिटनेस मान की कोई चीज नहीं होती। वाहन में न तो साइट इंडीकेटर, टेल लैंप तथा हार्न नहीं होता। अधिक सवारी बैठाने के लिए टैंपो के पीछे एक लोहे की बड़ी प्लेट लगा दी जाती है जिस पर सवारियों को खड़ी कर दिया जाता है।
सवारियों के साथ होती मारामारी
डग्गामार वाहन के चालक व परिचालक किराए को लेकर अक्सर सवारियों से अभद्रता करते हैं। लोगों की भी मजबूरी है कि उन्हें इन्ही वाहनों से सफर तय करना पड़ता है। असल में रोडवेज की बस जिले के भीतरी गावों में नहीं जाती ऐसे में डग्गामार वाहन ही लोगों को रास्ता तय कराते हैं। इसी कारण इनकी मनमर्जी भी खूब चलती है।
क्या कहते एआरटीओ
मामले में एआरटीओ का कहना है कि डग्गामार वाहनों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जाता है। ठंड के समय तगड़ा अभियान चला था जिन जगहों पर यह वाहन चल रहे हैं उन पर कार्रवाई होगी।