दफ्तरों में फैली गंदगी तो शहर कैसे दिखे साफ
केस नंबर-एक बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय। यह के प्रथम और द्वितीय तल पर पान की पीकों से दीवारें
केस नंबर-एक
बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय। यह के प्रथम और द्वितीय तल पर पान की पीकों से दीवारें लाल नजर आती है। वहीं द्वितीय तल पर फाइलों और अलमारियों का ढेर रखा हुआ है। इसके कारण दफ्तर आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लाख हिदायतों के बाद भी पान-मसाला दीवार पर थूकने की प्रक्रिया खत्म नहीं हो रही है।
केस नंबर-दो
रायबरेली विकास प्रधिकरण के दफ्तर में चाहे जिधर घूम के देख लें, वहां आपको गंदगी का अंबार लगा हुआ मिलेगा। विभाग की दीवारें पान-मसाले की पीकों से सफेद से लाल हो गई है। इसके बाद भी यह सब विभागीय अफसरों को नहीं दिखाई देता है। वहीं यहां बने शौचालयों से आने वाले दुर्गंध से लोगों को मुंह पर रुमाल रखकर परिसर में प्रवेश करना पड़ता हैं।
केस नंबर-तीन
विकास भवन में बने सभी कार्यालयों के सामने गंदगी फैली हुई नजर आती हैं। यहां की भी दीवारें पान की पीकों से लाल हो चुकी है। इसके बाद भी इस समस्या को दूर करने का कोई प्रयास विकास विभाग द्वारा नहीं किया गया। हालत यह है कि दीवारों के किनारों पर सुपारी की मोटी परत तक जमीं हुई हैं।
रायबरेली, जागरण संवाददाता : यह तो केवल चंद उदाहरण हैं। जिले के अधिकांश सरकारी कार्यालयों में गंदगी का ढेर लगा हुआ हैं। लेकिन विभागीय अफसरों द्वारा अपने कार्यालयों की साफ-सफाई कराने के लिए कोई जद्दोजहद नहीं की जा रही है। इसके चलते पान-मसाला खाने के शौकीनों का जहां भी मन करता है वो वहां पर थूकने में कोई परहेज नहीं करते है। बीएसए कार्यालय के द्वितीय तल की गैलरी में फाइलें, अलमारियां और रद्दी फैली पड़ी हुई है। ऐसे में आने-जाने का रास्ता भी बाधित हो रहा है। लेकिन विभाग के मातहतों द्वारा हमेशा यह बात कहकर टाल दी जाती है कि ये तो खराब कागज और पुरानी फाइलें पड़ी हुई हैं। इससे अंदाजा लग सकता है कि जब सरकारी कार्यालयों में फैली गंदगी साफ नहीं की जा रही है तो शहरी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था कैसे ढर्रे पर आ सकती है। पालिका क्षेत्र के पाश इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी के ढेर जमे हुए हैं, लेकिन सफाई कर्मियों की फौज काम कम और आराम ज्यादा करती हुई दिख रही हैं। सफाई व्यवस्था पर ध्यान न दिए जाने के कारण वीआईपी जिला गंदा होता जा रहा हैं।
डीएम प्रेम नारायन का कहना है कि कार्यालयों में अगर गंदगी फैली है तो उसे तत्काल प्रभाव से साफ कराया जाना चाहिए। ताकि कार्यालय साफ-सुथरा बना रहे। वहीं गंदगी फैलाने वालों को ¨चहित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।