गरीबों को नसीब नहीं हुई छत
रोहनिया, संवादसूत्र : सरकार लोहिया एवं इंदिरा आवास के जरिए हर गरीब को छत मुहैया कराने के दावे भले ह
रोहनिया, संवादसूत्र : सरकार लोहिया एवं इंदिरा आवास के जरिए हर गरीब को छत मुहैया कराने के दावे भले ही कर रही है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। जिसकी बानगी देखनी हो तो
विकासक्षेत्र के गांव हमीदपुर बड़ा गांव आइए सब कुछ आइने की तरह साफ दिख जाएगा। वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान हमीदपुर बड़ागांव को कुल 96 लोहिया आवास आवास मिले हैं। पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
लोहिया गांव हमीदपुर बडागांव का है। गांव के 65 सामान्य जाति व 31 अनुसूचित जाति के गरीबों का वर्ष 2014-15 में लोहिया आवास योजना के अंर्तगत चयनित किया गया। सूची में अपात्रों को आवास देने की शिकायत ग्राम प्रधान मधु तिवारी ने मुख्य विकास अधिकारी से की। जिस पर सभी के खातों पर रोक लगाकर मुख्य विकास अधिकारी ने पात्रता सूची की जांच त्रिस्तरीय समिति से दो बार कराई जिसमें त्रिस्तरीय समिति के सदस्यों ने चयनित लाभार्थियों के पात्रता की पुष्टि करते हुए जांच आख्या पीडी को सौंप दी। लेकिन लाभार्थियों के खातों पर लगी रोक नहीं हटाई गई है। जिससे गरीबों को अपनी छत पाने का सपना चूर हो गया है। इस गांव की रहने वाली धनपत देवी चार बच्चों के साथ झोपड़ी में जीवन यापन करती हैं। इनकी जीविका मजदूरी से चलती है। पूरी ¨जदगी इनकी झोपड़ी में बीत गई लेकिन आजतक इन्हें अपनी छत नसीब नहीं हो सकी है।
सरकारी दावे चाहे जो कहे लेकिन गांव इन दावों की सच्चाई बयान करते हैं। ऐसी तमाम ¨जदगियां हैं, जिनकी पीढि़यां झोपड़ी में बीती हैं और आज भी उन्हें अपनी छत का इंतजार है। वहीं बीडीओ जेएन राव का कहना है कि अगर विकास कार्यो को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी।