अपने गांव को नया ब्लाक बनवाने में विधायक ने लगाई प्रतिष्ठा
संवाद सहयोगी, सरेनी : सरेनी विकास खंड की 4 न्याय पंचायतों को अलग कर अपने पैतृक गाव खजूरगाव को नया ब्
संवाद सहयोगी, सरेनी : सरेनी विकास खंड की 4 न्याय पंचायतों को अलग कर अपने पैतृक गाव खजूरगाव को नया ब्लाक बनाने की क्षेत्रीय विधायक की योजना लोगों को रास नहीं आ रही है। इसकी भनक लगते ही लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर विकास को गति देने के लिये इसे दो फ ाड़ करना ही है तो दौलतपुर को नया ब्लाक बनाया जाना चाहिये। साहित्यानुरागियों का पुराना नाता इस गांव से रहा है। वषरें पुराना सपना भी साकार होगा और उन्नाव जनपद की सीमा से सटे गावों को अपने नजदीक ही ब्लाक मुख्यालय भी नसीब हो जायेगा।
उल्लेखनीय है कि सरेनी विकास खंड में 71 ग्राम पंचायतें व 12 न्याय पंचायते हैं। नये परिसीमन के बाद इनकी संख्या 81 हो चुकी है विकास खंड की कुल आबादी 177676 है। भोजपुर, गहरौली, चहोतर आदि गावों के लोग काफ ी अरसे से ब्लाक मुख्यालय से गावों की दूरी का हवाला देकर भोजपुर के आस-पास ब्लाक बनाए जाने की माग करते रहे हैं। गहरौली गाव के मगन सिंह ने मुख्यमंत्री के पास एक प्रस्ताव भेजकर माग की है कि अगर चहोतर, दौलतपुर, भोजपुर, मुरारमउ, रसूलपुर, नीबी न्याय पंचायतों को मिलाकर आचार्य महावीर प्रसाद के पैतृक गाव दौलतपुर को नया ब्लाक बना दिया जाये तो मानकों की अनदेखी भी नहीं होगी। श्री सिंह ने तर्क दिया है कि चहोतर न्याय पंचायत में 4 ग्राम पंचायतें आती हैं। जिनकी आबादी 10922, मुरारमउ न्याय पंचायत की 6 ग्राम पंचायतों की आबादी 13018 है। रसूलपुर (इब्राहिमपुर) न्याय पंचायत की 6 ग्राम पंचायतों की आबादी 15021 हैं, भोजपुर न्याय पंचायत की सभी 6 ग्राम पंचायतों की आबादी
17517, दौलतपुर (हरीपुर) न्याय पंचायत की 4 ग्राम पंचायतों की आबादी 9054 तथा नीबी न्याय पंचायत की 8 ग्राम पंचायतों की आबादी 13282 है। इन आधा दर्जन न्याय पंचायतों को मिला कर बनने वाले प्रस्तावित ब्लाक दौलतपुर की आबादी 79419 हो जाती है। जबकि मानक के अनुसार एक नया ब्लाक बनने के लिये न्यूनतम आबादी 75000 होनी चाहिये। हरीपुर गाव के निवासी व कवि राजेन्द्र तिवारी कहते हैं कि राष्ट्र भाषा हिन्दी के सर्जक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की 150वां जन्म दिवस उनके नाम से नये ब्लाक का निर्माण होने से क्षेत्र व जनपद के ही समूचे देश के साहित्य प्रेमियों को खुशी होगी। क्षेत्र के सभी साहित्यानुरागी वषरें से उनके गाव दौलतपुर को साहित्य धाम बनाने की माग कर रहे थे और अगर पंचायती राज निदेशक ने विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह के प्रस्ताव की जगह दौलतपुर को ब्लाक बनाने पर मुहर लगा दी तो लगेगा कि प्रदेश सरकार जनाकाक्षाओं की कद्र करती है। श्री तिवारी ने कहा कि आजादी पूर्व भी दौलतपुर को न्याय
पंचायत का दर्जा हासिल था और आचार्य प्रवर इसके सरपंच भी रह चुके हैं।
भोजपुर के धीरज द्विवेदी ने भी खजूरगाव को ब्लाक बनाने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि अगर आचार्य प्रवर के नाम पर दौलतपुर को मानक पूरा होने के बावजूद ब्लाक नही बनाया जाता तो वे ईंट से ईंट बजाने को विवश होंगे। पूर्व क्षेत्र पंचायत प्रमुख जय प्रकाश सिंह ने भी खजूरगाव को ब्लाक बनाने के प्रस्ताव को अदूरदर्शी कदम बढाया है। श्री सिंह का कहना है कि सरेनी के लोग काफ ी अरसे से भोजपुर के आस पास नया ब्लाक बनाने की माग कर रहे थे और उनकी आचार्य द्विवेदी के गाव को जीवंत बनाये रखने के लिये दौलतपुर को ब्लाक बनाये जाने की माग न्यायोचित है ।