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पहले सफाई, बाद में लिखाई-पढ़ाई

रायबरेली, जागरण संवाददाता : रविवार की छुंट्टी समाप्त होने के बाद सोमवार को जब छात्र-छात्राएं पढ़ाई-ल

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 08:37 PM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 08:37 PM (IST)
पहले सफाई, बाद में लिखाई-पढ़ाई

रायबरेली, जागरण संवाददाता : रविवार की छुंट्टी समाप्त होने के बाद सोमवार को जब छात्र-छात्राएं पढ़ाई-लिखाई के लिए स्कूल आते है तक छात्र कम सफाईकर्मी अधिक नजर आते है। कारण, परिषदीय स्कूलों में जमी गंदगी की 'सिल्ट' उन्हे उन हाथों से साफ करनी पड़ती है, जिन हाथों में वह पेन-पेंसिल और किताबें पकड़े हुए दिखते है। इन व्यवस्थाओं के चलते विद्यालयों में पहले साफ-सफाई उसके बाद लिखाई-पढ़ाई का माहौल बन पाता है।

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रायबरेली जिले में 2588 परिषदीय विद्यालय बनें हुए है। इन विद्यालयों में सफाई कर्मचारियों की कोई व्यवस्था नहीं है। इन हालातों में सप्ताह में एक बार स्कूलों में साफ-सफाई कराई जाती है। चाहे वह दिन सोमवार हो या फिर शनिवार। जिला मुख्यालय में बने कुछ विद्यालयों की माली हालत ठीक-ठाक हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में खरपतवार और गंदगी फैली हुई दिखाई देती है। इसी गंदगी के बीच छात्र-छात्राओं की रोजाना क्लास लगाई जाती है। वहीं कुछ स्कूलों में हालात यह कि छात्रों की जिम्मे ही सफाई व्यवस्था कर दी गई हों। जिसे देख ऐसा लगता है कि वे विद्यालय के छात्र नहीं बल्कि कोई सफाई कर्मी हों। ऐसे में नौनिहालों को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन विभागीय अफसर सबकुछ जान कर अंजान बने रहते है।

इनकी सुनें

'विद्यालय में साफ-सफाई बनी रहे तो इसके लिए नगर पालिका और पंचायतीराज विभाग को आगे आना होगा। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र का स्वच्छ भारत का सपना पूरा हों, वैस जब तक सफाई कर्मी नहीं आ रहे है। इन हालातों में किराए के सफाई कर्मियों के साफ-सफाई कराई जा रही है।'

विवेकानंद त्रिपाठी, जागरुक शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय प्रकाश नगर, रायबरेली।

साहब के बोल

'परिषदीय स्कूलों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रधानाचार्यो को कमान सौंपी गई है।'

संदीप चौधरी, बीएसए, रायबरेली।


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