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काल डिटेल निकाल कर खामोश हुई पुलिस

रायबरेली, जागरण संवाददाता : जिले में हत्या और दूसरी वारदातों का खुलासा सुरागों की कमी से नहीं पुलिस

By Edited By: Published: Sat, 01 Nov 2014 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 01 Nov 2014 01:02 AM (IST)

रायबरेली, जागरण संवाददाता : जिले में हत्या और दूसरी वारदातों का खुलासा सुरागों की कमी से नहीं पुलिस की लापरवाही से भी नहीं हो रहा है। इसके चलते जिले में हुई हत्या की कई वारदातें ऐसी है जोकि फाइलों में कैद होकर ही रही गई है। इसका उदाहरण पांच माह मिल एरिया थाना क्षेत्र के फर्टिलाइजर फैक्ट्री के पास स्थित नाले हत्या करके फेके गए युवक का है। पांच माह से जांच के नाम पर पुलिस परिजनों को टरका रही है। लेकिन उसका कोई कदम खुलासे की ओर नहीं जा रहा है। ले देकर पुलिस ने मात्र काल डिटेल निकलवाई। इसमें एक संदिग्ध नंबर को चिह्नित किया लेकिन उसकी जांच में खानापूर्ति की गई। हालातों में परिजन आज भी खुलासे को ले कर पुलिस अधिकारियों की चौखट के चक्कर काटते दिख रहे है। इसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है।

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गौरतलब है कि गड़रियन का पुरवा गंाव निवासी उमेश (28) पुत्र राम आधार मिल एरिया थाना क्षेत्र में आने वाली सीमेंट फैक्ट्री के पास एक परचून की दुकान चलाता था। बीती 21 जुलाई को उमेश रात 11 बजे अपने स्कूटर से घर जा रहा था। आधी रात के बाद भी जब उमेश घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी तलाश करनी शुरू की। अगली सुबह युवक का शव मिल एरिया थाने के मित्तल फर्टिलाइजर्स के पास एक नाले पड़ा मिला। युवक के सिर और शरीर कई चोट के निशान थे, जबकि उसकी स्कूटर पर एक भी खरोच नहीं थी। परिजनों ने कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ पुरानी रंजिश के चलते हत्या कर शव नाले में फेंकन का आरोप लगाया था। आरोप के आधार पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया। मिल एरिया के तत्कालीन एसओ की लापरवाही के चलते मृतक के भाई सुभाषचंद्र ने विवेचना सदर कोतवाली में ट्रांसफर करा ली थी। विवेचना को ट्रांसफर हुए पांच माह बीत चुके है, लेकिन पुलिस को अब तक अहम सुराग नहीं मिल सके है।

इनसेट

पुलिस के पास सिर्फ कॉल डिटेल : मृतक के भाई भाई सुभाषचंद्र ने बताया कि उमेश के मोबाइल पर 9170155799 से बात हुई थी। कॉल डिटेल से पता चला कि ये नंबर गाजीपुर में रहने वाले किसी का है। इसके बाद भी पुलिस ने मौके पर गाजीपुर जाकर पूछताछ करना उचित नहीं समझा।

सीओ सिटी सत्य पाल सिंह का कहना है कि मामले की विवेचना सदर कोतवाली के एसएसआई कर रहे है। कॉल डिटेल के माध्यम से आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे है।


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