नसीब न हुआ स्कूल को एक अदद शौचालय
रायबरेली, जागरण संवाददाता : सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में प्राथमिक व जूनियर विद्यालय हैं। इनमें अब तब शौचालय का जुगाड़ नहंी हो पाया है। राहुल के संसदीय क्षेत्र और परशदेपुर नगर पंचायत क्षेत्र में आजादी के समय कन्या जूनियर स्कूल की स्थापना हुई थी। 1950 में विद्यालय का भवन बना था लेकिन पैंसठ वर्ष बाद किसी योजना में छात्राओं के लिए एक शौचालय का इंतजाम नहंी हो सका।
सांसद, विधायक, प्रमुख व नगर पंचायत अध्यक्ष तक का ध्यान छात्राओं की इस पीड़ा की ओर नहीं गया। उक्त विद्यालय की छात्राएं आधा किलोमीटर दूर जाकर लघु व दीर्घशंका का निस्तारण करती है। अब तक हजारों छात्राओं को शारीरिक मानसिक यंत्रणा सहनी पड़ी है।
कन्या जूनियर विद्यालय की छात्रा कोमल ने कहा कि मलमूत्र त्याग के लिए विद्यालय में कोई इंतजाम नहीं है। दिन में छात्राओं का पेट खराब होने पर शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है। अक्सर दो छात्राएं ही बाहर जाती है। अकेले जाने की कोई हिम्मत नहीं करता है। सलोनी ने कहा हमें नित्य क्रिया के लिए खेतों का ही सहारा लेना होता है। छात्रा रोशनी ने कहा कि जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग या किसी नेता ने एक शौचालय बनान जरूरी नहीं समझा। छात्रा सुधा भी सरकारी व्यवस्था, व जिम्मेदार लोगों की लापरवाही पर अफसोस जाहिर करती है।
प्रधानाध्यापक कमला देवी ने कहा कि अब तक बीस बार बीआरसी को शौचालय बनवाने के लिए लिखा गया। बालिकाओ को 500 मीटर दूर जाना पड़ता है। लोकसभा चुनाव के समय नगर पंचायत की ओर से शौचालय बनाने की बात हुई थी, लेकिन आज तक शौचालय नहीं बन सका।
जर्जर निष्प्रयोज्य शौचालय वाले स्कूल
ब्लाक संख्या ब्लाक संख्या
सरेनी 07 लालगंज 05
राही 15 डीह 32
गौरा 15 डलमऊ 24
हरचंदपुर 14 सलोन 29
खीरों 19 ऊंचाहार में 13
छतोह 17 महराजगंज 12
अमांवा 26 बछरांवा 06
शिवगढ़ 07 जगतपुर 04
सतांव 30 डलमऊ 18
रोहनियां 02
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लालगंज विकास खंड में एक दर्जन से अधिक विद्यालयों के शौचालय बदहाल हैं। शौचालय गंदगी से पटे पड़े हैं, कहीं दरवाजे नहीं हैं तो कहीं शौचालय के भवन जर्जर हो चुके हैं। ग्राम रणगाव, चादा, बहरामपुर, सेमरपहा, नन्दाखेड़ा, रजौली, जगतपुर भिचकौरा, हरीपुर, सेमरपहा द्वितीय आदि विद्यायलो मे शौचालयों के पल्ले या तो टूटे पड़े हैं या है ही नहीं। इसी प्रकार महमदमउ, कुम्हड़ौरा, झाबर हरदोपट्टी, भिचकौरा आदि विद्यालयों के शौचालयों की इमारत जर्जर हो चुकी है। रणगाव मे बने शौचालयों मे पल्ले नही मिले। शौचालय गंदगी से पटे पड़े थे। नौनिहाल या तो इन्हीं गन्दे शौचालयों का इस्तेमाल करने को मजबूर है या फिर विद्यायल के अगल बगल स्थित खेतों मे जाने को बाध्य हैं।
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ऊंचाहार क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में छात्राओं के लिए बना शौचालय जर्जर है। ईट की दीवाल पर टीन रखी है। उसमें दरवाजा तक नहीं लगा है। इसी तरह के हालात कई स्कूलों के हैं।