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बिजली को लेकर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 06:07 PM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 06:07 PM (IST)

गौरीगंज, जागरण संवाददाता : अघोषित विद्युत कटौती और बदहाल सड़क की समस्या को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर जामो मोड़ के पास रायबरेली-सुलतानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। लगभग तीन घंटे तक लगे जाम को खुलवाने में अधिकारियों के पसीने छूट गए। एडीएम के आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ।

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मंगलवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जामों विकास क्षेत्र के बरौलिया के पूर्व प्रधान सुरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में चार दर्जन ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार हजारों ग्रामीण पुरूष व महिलाएं दोपहर 12 बजे गौरीगंज पहुंच गए। ग्रामीण जामो मोड के पास रायबरेली सुलतानपुर राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए। पास में ही इंदिरा गांधी महाविद्यालय व रणंजय इंटर कालेज होने के चलते सैंकड़ों छात्र भी धरने में शामिल हो गए,हरदो इंटर कालेज के भी छात्र भी धरने में मौजूद रहे। देखते ही देखते धरना स्थल के तीनों तरफ की सड़कों पर लंबा जाम लग गया। लोगों के आक्रोश के सामने स्थानीय कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक जेएन सरोज व थाने का पुलिस बल पूरी तरह से बेबस नजर आ रहा था। राजमार्ग पर जाम लगे होने की सूचना पाकर पहुंचे उपजिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति व पुलिस क्षेत्राधिकारी नवीन सिंह ने धरने का नेतृत्व कर रहे सुरेंद्र सिंह से बात कर धरना समाप्त करवाने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने विद्युत समस्या दूर करने, खराब सड़कों को ठीक करवाए जाने व अमेठी को सूखाग्रस्त जिला घोषित किए जाने का स्पष्ट आश्वासन मिलने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया। एसडीएम ने कहाकि अमेठी को सूखाग्रस्त जिला घोषित किए जाने का प्रस्ताव शासन को भ्ेाज दिया गया है। जाम न खुलते देख अधिकारियों ने सूचना अपर जिलाधिकारी को दी। सूचना पर पहुंचे एडीएम माताफेर ने सुरेंद्र सिंह से बात की। एडीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि आज से ही ग्रामीण क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति चार घंटे बढ़ाई जा रही है। सड़क की समस्या पर एडीएम न एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई का आश्वासन दिया। एडीएम के वादे पर एतबार कर ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया।

आंसू गैस व रबर की गोली चलाने की तैयारी में था प्रशासन

धरना प्रदर्शन को लंबा खिंचता देख प्रशासन ने बल पूर्वक धरने को समाप्त करने की योजना बना ली थी। एसडीएम ने जहां पीएसी बुलाने के लिए कहा वहीं सीओ नवीन सिंह ने आस पास के थानों के पुलिस बल को धरना स्थल पर पहुंचाने का आदेश दिया। सीओ ने प्रदर्शन कारियों पर रबर की गोलियां दागे जाने व आंसू गैस छोड़ने जाने के विकल्प पर काम करना भी शुरू कर दिया। उन्होंने गन से रबर की गोलियां भी भरवा ली। हालांकि बाद में एडीएम के आने और उनके समझाने पर आंसू गैस व रबर की गोलियां चलाने की जरूरत नहीं पड़ी।

जाम से हलाकान हुए राहगीर

तीन घंटे तक लगे लंबे जाम से राहगीरों को हलाकान कर दिया। धरने में शामिल छात्र मोटरसाइकिल व साइकिल सवारी को भी धरना स्थल से नहीं गुजरने दे रहे थे। कई एंबुलेंस भी जाम में फंस गई थी। स्कूली छात्राएं भी भारी भीड़ के चलते परेशान दिखी। हालांकि बाद में छात्राओं, एंबुलेंस व स्कूली बसों को आवागमन का रास्ता दे दिया गया।

प्रदर्शन कारियों पर दर्ज होगा मुकदमा

राष्ट्रीय राजमार्ग जाम होने से नाराज प्रशासन प्रदर्शन कारियों पर मुकदमा दर्ज करेगा। प्रभारी निरीक्षक जेएन सरोज ने बताया कि प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह सहित पंद्रह लोगों को नामजद करते हुए डेढ सौ अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा।


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