नहीं तय हो सकी आलू भंडारण की दर
रायबरेली, जागरण संवाददाता : जिला प्रशासन ने चालू सीजन के लिए आलू भंडारण की दर तय नहीं की है। किसानों को पिछली बार एक सौ पचहत्तर रुपये कुंतल की दर से किराया देना पड़ा था। कम पैदावार से कई कोल्ड स्टोर खाली पड़े हैं। देर से आलू के कोल्ड स्टोरेज में जाने के बाद अंकुरित होने का खतरा रहता है। दर तय न हो पाने के कारण किसान संशय में हैं। शीत गृह मालिकों ने किसानों से एडवांस लेकर आलू जमा कर लिया है।
45000 मीट्रिक टन हुआ भंडारण
जिले में दो दर्जन निजी कोल्ड स्टोरेज संचालित किए जा रहे हैं। इनकी कुल भंडारण क्षमता 95 हजार मीट्रिक टन है। सरकारी कोल्ड स्टोरेज खराब पड़े हैं। महराजगंज में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है। सबसे ज्यादा कोल्ड स्टोरेज सलोन कस्बे में है। गत वर्ष आलू भंडारण की दर एक सौ पचहत्तर रुपये प्रति कुंतल थी। इस बार शीत गृह मालिक भंडारण दर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इस बार भाडे़ में पंद्रह से पच्चीस रुपये की बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव है। अब किसानों को लगभग दो सौ रुपये की दर से भुगतान करना पड़ सकता है
उद्यान अधिकारी बोले
जिला उद्यान अधिकारी एनएल वर्मा ने कहा कि जिले के किसान आलू का भंडारण कर लें। घर में रखने से आलू खराब हो जाएगा। शीत गृहों में स्थान खाली है। जिलाधिकारी को को शीत गृह मालिकों ने इस बार एक सौ नब्बे रुपए प्रति बोरा की दर से भंडारण का प्रस्ताव भेजा है। चुनावी व्यस्तता के कारण जिला प्रशासन की इस संबंध में बैठक नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि चुनाव के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
कम पैदावार से किसान, शीत गृह मालिक परेशान
सलोन, संवाद सहयोगी : आलू की पैदावार में कमी से किसानों की जमा पूंजी डूबी तो वहीं दर्जनों शीतगृह मालिकों का कारोबार भी चौपट हुआ है। ग्राम सभा रतन पुर के पुत्तीलाल यादव की 2 बीघे में अनुमानित पैदावार 250 बोरी के स्थान पर 40 बोरी आलू की पैदावार हुई। वहीं संतोष वर्मा पूरे सुबेदार रतासों ने 6 बीेघे आलू की खेती में अनुमानित पैदावार 700 बोरी के आकड़े में मात्र 310 बोरी की पैदावार हुई है। ग्राम सभा भवानीपुर के छोटेलाल जायसवाल का कहना है कि मात्र 15 बिसवा जमीन है जिस पर आलू की खेती करता हूॅ । मात्र 28 बोरी की पैदावार से गृहस्थी चलाना मुश्किल हो गया है। ग्राम सभा पूरे मनसा के चन्द्रपाल पटेल ने डेढ़ बीघा आलू में अनुमानित 200 बोरी के स्थान पर 85 बोरी की पैदावार से काफी दुखी हैं। ऐसे ही सैकड़ों किसानों पर आलू की पैदावार ने आर्थिक व्यवस्था का बेडागर्क किया है। इससे किसानों का उबर पाना मुश्किल हो गया है। सलोन क्षेत्र में शीतगृह की संख्या लगभग 14 है। इसमें आलू की पैदावार में कमी के चलते दो शीत गृहों पर ताला लग गया है। महेन्द्रा कोल्ड स्टोर व डीह के एक कोल्ड स्टोर में आलू की कमी के चलते वर्तमान में आलू का भंडारण नहंी किया जा सका।
खाली पड़े शीतगृह मालिकों की ओर से आलू के भाड़े में बढ़ोतरी करने की मांग की जा रही है। ऐसे हालात में किसानों को अब दोहरी मार झेलने पर मजबूर होना पड़ेगा।