अजगरा में मिले धातु के प्राचीन कंगन
अजगरा, प्रतापगढ़ : एतिहासिक व पौराणिक यक्ष-युधिष्ठिर संवाद स्थल अजगरा में खोदाई के दौरान हजारों वर्
अजगरा, प्रतापगढ़ : एतिहासिक व पौराणिक यक्ष-युधिष्ठिर संवाद स्थल अजगरा में खोदाई के दौरान हजारों वर्ष पुराने कंगन मिले हैं। इसको लेकर लोगों में कौतूहल है।
स्थल से सौ मीटर दूर शिक्षक ओम प्रकाश ¨सह सब मर्सिबल पंप के लिए खोदाई करा रहे थे। इस दौरान प्राचीन बर्तन में रखे आठ कंगन मिले है। धातु से निर्मित हाथ में पहने जाने वाले कंगनों का कुल वजन 1 किलो 250 ग्राम है। सभी कंगन अलग-अलग माप व वजन के हैं। इनका वजन 110 ग्राम से लेकर 180 ग्राम तक है। सवा छ: सेमी. व्यास के ढाई सेमी चौड़ाई के हैं। सभी कंगन सांचे में ढले हुए प्रतीत हो रहे हैं। इनकी चौड़ाई के उपरी भाग के मध्य भाग पर उभरी हुई धारी बनी हुई है। किनारे की तरफ ढाल बना हुआ है। कंगन पर मिट्टी व काई की परत जमी होने से लगता है कि कंगन हजारों वर्ष पुराना है। अनुमान है कि मिश्रित धातु से बना हुआ है। अजगरा निवासी साहित्यकार व पुरातत्व खोजी राजेश पांडेय निर्झर प्रतापगढ़ी ने इसका संग्रह करके अजगरा के ग्रामीण पुरातत्व एंव लोककला संग्रहालय में सुरक्षित रख दिया है। इसके पूर्व भी अजगरा क्षेत्र में ऐसे पुरावशेष मिले हैं जो पुरातत्व विभाग से प्रमाणित हो चुके हैं।
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