धरती बनी बिछौना, आसमान बना चादर
प्रतापगढ़ : मंगरौरा ब्लाक के शाहपुर गांव में छेदीलाल वर्मा सहित अन्य लोग छप्परनुमा घर में रह रहे थे।
प्रतापगढ़ : मंगरौरा ब्लाक के शाहपुर गांव में छेदीलाल वर्मा सहित अन्य लोग छप्परनुमा घर में रह रहे थे। इनकी हैसियत पक्का मकान बनवाने की नहीं थी। शनिवार को अग्निदेव कुपित हुए और इनके छप्परनुमा घर को जलाकर राख कर दिया। इससे अब इन परिवारों के लिए धरती ही बिछौना बन गई है। आसमान को चादर मानकर ये लोग अपनी ¨जदगी गुजरने को मजबूर है।
शाहपुर गांव के छेदीलाल वर्मा, उनकी पत्नी शिवकुमारी, बेटी शांति (17), बेटा अनिल (15), सुनील (10), छोटी बेटी ¨पकी (8) सहित पूरे परिवार का खर्च का जिम्मा छेदीलाल पर है। छप्पर के घर में इनका परिवार खुशहाली की ¨जदगी व्यतीत कर रहा था। शनिवार को आग के चपेट में आया इनका घर जलकर खाक हो गया। अब इनका परिवार खुले आसमान के नीचे ¨जदगी बिताने को मजबूर है।
ऐसी ही हालत गांव के कंचन देवी की है। इनके पति की मृत्यु पांच वर्ष पूर्व हो चुकी है। कंचन अपने बच्चों को लेकर छप्पर नुमा घर में रहती थी और मेहनत मजदूरी करके बच्चों का पालन पोषण करती थी। शनिवार को हुए अग्निकांड ने इनके छप्पर को भी अपने आगोश में ले लिया। यह परिवार भी अब आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गया है। यह दो परिवार महज बानगी है। शनिवार को हुए अग्निकांड में ऐसे आधा दर्जन परिवार है, जो अब आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे गरीब लोगों पर न तो किसी जनप्रतिनिधि की नजर पड़ी और न ही प्रशासन के अधिकारी इनके लिए कोई इंतजाम किए। ऐसे में मजबूरी के चलते ग्रामीण परिवार धरती को अपना बिछौना और आसमान को अपनी छत बनकर रहने को मजबूर है। इस संबंध में कानूनगो मिठाईलाल का कहना है कि अग्निकांड में हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है। शासन से जो भी सहायता मिलेगी, वह तत्काल लोगों को दी जाएगी।