जांच में नकली निकली खाद तो सचिव पर गिरेगी गाज
प्रतापगढ़ : जिला सहकारी बैंक नकली खाद बेचने वाली समितियों के सचिव पर कार्रवाई करेगा। बैंक की प्रबंध
प्रतापगढ़ : जिला सहकारी बैंक नकली खाद बेचने वाली समितियों के सचिव पर कार्रवाई करेगा। बैंक की प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर जांच में खाद नकली निकली तो कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान बैंक कर्मचारियों को वर्ष 2014-15 का बोनस भुगतान करने का निर्णय लिया गया। जिला सहकारी बैंक प्रबंध समिति की बैठक में ऋण वसूली व निवेश की समीक्षा की गई। इस दौरान कम वसूली व कम डिपाजिट करने वाले 37 शाखा प्रबंधकों को कड़ी चेतावनी दी गई। बैंक के अध्यक्ष डा.केएन ओझा ने कम वसूली पर 23 व कम डिपाजिट पर 14 शाखा प्रबंधकों को कड़ी चेतावनी दी। साथ ही जल्द इसमें सुधार का निर्देश दिया।
बैठक में संडवाचंद्रिका से संबद्ध साधन सहकारी समिति पचखरा का मसला उठा। बताया गया कि खाद को जांच के लिए भेजा गया है। समिति का कहना था कि जांच में यदि खाद नकली पाई जाती है तो समिति के सचिव के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में कर्मचारियों का मुद्दा उठा। इसमें बैंक के कर्मचारियों को 8.33 प्रतिशत बोनस देने का निर्णय लिया गया। साथ ही जिन कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई संचालित है उनके विरुद्ध कार्रवाई का निर्णय लिया गया। इसमें कुल पांच कर्मचारी शामिल हैं। इनके साथ ही सांगीपुर शाखा प्रबंधक दीपचन्द्र के विरुद्ध ऋण में अनियमितता मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई संचालित करने का निर्णय लिया गया।
इस मौके पर उपसभापति कृष्ण प्रताप ¨सह, संचालक राजेंद्र प्र ¨सह, अनिल कुमार, राकेश कुमार, गिरजा देवी, आरके पाठक, केपी ¨सह आदि मौजूद रहे। बैंक के सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभाशंकर ने सभी का स्वागत किया।
ऋण पर स्थगित है उत्पीड़नात्मक कार्रवाई प्रतापगढ़ : जिले के साधन सहकारी समितियों से ऋण लेने वाले किसानों पर कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने पर सितंबर माह तक शासन की रोक है। वे अपना बकाया जमाकर पुन: समितियों से ऋण पर खाद ले सकते हैं। बकाया न जमा करने से उन पर व्याज तो बढ़ ही रहा है, साथ में उन्हें इस सीजन में खाद नहीं मिल पा रही है। जिला सहकारी बैंक के सचिव महाप्रबंधक प्रभाशंकर ने बताया कि जनपद प्रतापगढ़ सरकारी तौर पर सूखाग्रस्त घोषित नहीं था। इस कारण यहां के किसानों से ऋण की वसूली पर रोक नहीं है। इतना जरूर है कि उनके विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई स्थगित की गई है।