सई के घाटों पर जले आस्था के दीप
प्रतापगढ़ : एक-दो नहीं आस्था व भक्ति के हजारों दीपक एक साथ जले तो प्रकाश हर कोने में फैल गया। सई की
प्रतापगढ़ : एक-दो नहीं आस्था व भक्ति के हजारों दीपक एक साथ जले तो प्रकाश हर कोने में फैल गया। सई की लहरों पर भी जैसे दीपमाला सज गई। अवसर था गुरुवार को शहर के मां बेल्हा देवी धाम में आयोजित गंगा दशहरा महोत्सव का।
विद्युत झालरों व फूलों से सजा मां का आंगन अपने भक्तों को पाकर फूला नहीं समा रहा था। धूप भले ही अपने तेवर में थी, लेकिन शाम चार बजने के बाद श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। सायं छह बजे महिलाओं ने दीप से दीप जलाने शुरू किए तो देखते ही देखते हर ओर का दृश्य अलौकिक हो गया। मंदिर के गुंबद तक लहराती झालरें, तट पर दीप व गंगा सई की आरती, ये सब एक साथ देखकर लगा कि सारे देवी देवता धाम में उतर आए हैं। व्यवस्था प्रभारी राजा पंडा ने भक्तों को बताया कि गंगा दशहरा महान भारतीय पर्व है। संयोजक रोशन लाल ऊमरवैश्य ने लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन, श्रद्धालुओं के सहयोग से ही यह महोत्सव भव्यता को पा सका। 11551 दीपों को जलाकर मां सई गंगा की महाआरती करके लोगों ने मां से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। तमाम भक्त घर से दीपक लाए। इस अवसर पर पूर्व मंत्री मोती ¨सह, प्रभारी डीएम सीडीओ मनीष वर्मा, एसपी बलिकरन ¨सह यादव, एसडीएम सदर जेपी मिश्रा, शैलेंद्र नाथ, श्रीकिशोर अग्रवाल, राकेश ¨सह, धर्मवीर ¨सह, शिव कुमार, प्रदीप शुक्ला, आशीष पाठक, अंशुमान ¨सह, विनोद कुमार ¨सह, आशीष ¨सह, मीनू पंडा, हरी खंडेलवाल, संजय खंडेलवाल आदि ने सहभागिता की। इस मौके पर सई को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए लोगों को संकल्प दिलाया गया।
चौकन्नी रही पुलिस
प्रतापगढ़ : गंगा दशहरा महोत्सव पर बेल्हा देवी सुरक्षा घेरे में रहा। एसपी बलिकरन ¨सह यादव के निर्देश पर सुरक्षा के लिए चार थानों की पुलिस फोर्स तैनात रही। सादे कपड़े में भी पुलिस कर्मी लगाए गए थे। सीओ नगर एमपी सलोनिया व एवं प्रभारी निरीक्षक को जिम्मेदारी दी गई थी।
खास-खास
-महोत्सव का सीधा प्रसारण केबल के जरिए होने से घर-घर लोगों ने इसे लाइव देखा। अपनों की तस्वीरें देख घर वाले चहक उठे।
-गर्मी को देखते हुए आयोजन समिति ने आम के पने व मीठे शर्बत का निश्शुल्क स्टाल लगवाया था। लोग गला तर करते दिखे।
-सई पुल से घाट का नजारा देखने को दर्जनों वाहन रुक गए थे। पर्यटक पुल से मां को प्रणाम कर महोत्सव में शामिल हो रहे थे।
-आतिशबाजी से आसमान का नजारा भी रंगीन हो गया था। यह क्रम देर रात तक चला।
-आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की थी। तरह-तरह के प्रसाद पाने को लोगों की कतार लगी रही।