अभी कई और पर भी गिर सकती है गाज
प्रतापगढ़ : सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत करोड़ों के लेन-देन में गोलमाल व संबंधित अभिलेख उपलब्ध न करा
प्रतापगढ़ : सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत करोड़ों के लेन-देन में गोलमाल व संबंधित अभिलेख उपलब्ध न कराए जाने के मामले में अभी कुछ और कर्मियों पर गाज गिर सकती है। जांच समिति से रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार को इस मामले में मुख्य आरोपी संविदा लेखाकार नवीन सक्सेना पर छह साल बाद कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करते हुए बर्खास्त किया जा चुका है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2008-09 से वर्ष 2013-14 के बीच करोड़ों की धनराशि शासन से भेजी गई। वर्ष 2008 में निदेशालय से आई सोशल आडिट की टीम कई दिनों तक यहां रुकने के बाद वापस लौट गई थी। टीम को इन पैसों की लेनदेन में मैनुअल के हिसाब से कई त्रुटियां मिली थीं। निर्गत हुए पैसों की कैशबुक में इंट्री न होना व जारी हुए करोड़ों के चेकों को भुगतान के लिए जमा न करना पैसों के ट्रांजेक्शन में अभिलेखों का पूरा न होना प्रमुख रूप से शामिल था।
बहरहाल आडिट टीम ने सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक को उक्त खमियों के बारे में जानकारी दी है। इसके बाद शासन ने जिलाधिकारी को मामले की जांच सौंपी। जिलाधिकारी ने कमेटी बनाकर जांच शुरू कराई। उस समय भी कमेटी को कोई अभिलेख नहीं मिल सके। इसकी रिपोर्ट भेजे जाने के बाद शासन ने निदेशक स्तर पर जांच कमेटी का गठन किया। निदेशक द्वारा गठित जांच टीम ने मामले की पड़ताल की और अभिलेख न मिलने की रिपोर्ट शासन को सौंपी। वहां से पत्र आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शासन से कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश मांगा गया। वर्ष 2008-09 से 2013-14 के बीच सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिली धनराशि के अभिलेख न मिलने के मामले में शासन ने लेखा विभाग से जुड़े तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। इसकी जद में वे सभी आ रहे हैं, जिनके पास लेखा का प्रभार रहा। सूत्रों की मानें तो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी रामेश्वर तिवारी, तत्कालीन सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी डीएन दीक्षित के साथ नवीन सक्सेना के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निर्देश शासन ने दिया है। इनमें से नवीन के विरुद्ध बीएसए एसटी हुसैन ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया है। सूत्र बताते हैं कि अन्य बचे हुए सहायक वित्त लेखाधिकारियों के विरुद्ध उनके विभाग द्वारा कार्रवाई कराने का निर्देश शासन का है। बीएसए एसटी हुसैन ने बताया कि परियोजना निदेशक द्वारा संबंधित अधिकारियों के मूल विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा है।