एसपी दफ्तर में सीओ की सजा चर्चा में
प्रतापगढ़ : सवा दो साल पहले यहां तैनात रहे सीओ अमरजीत शाही को दुष्कर्म के मामले में सजा होने की चर्चा पूरे दिन एसपी दफ्तर में गूंजती रही। हर किसी की जुबान पर यह बात थी कि शाही का अधिकांश समय मोबाइल पर ही बीतता था।
गौरतलब है कि जुलाई 2011 में सीओ अमरजीत शाही कानपुर से यहां तबादले पर आए थे। वे सीओ सिटी के रूप में मार्च 2012 तक तैनात थे। जिस दलित छात्रा से दुष्कर्म के मामले में शाही को सजा हुई है, उसे यहां पुलिस वालों ने भी देखा था। वह छात्रा जनवरी 2012 के अलावा भी यहां एक दो बार सीओ के दफ्तर व आवास पर देखी गई थी।
विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद 13 मार्च 2012 को शाही यहां से कोर्ट एविडेंस में लखनऊ जाने की बात कहकर अवकाश लेकर गए थे, लेकिन लखनऊ जाने के बजाय वह कानपुर छात्रा के घर पहुंच गए थे। इस बात की जानकारी तब हुई, जब 13 मार्च को कानपुर में छात्रा ने जहरीला पदार्थ खा लिया। सीओ ने ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। बाद में 15 मार्च 13 को सीओ पर दुष्कर्म, शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने, एससीएटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। शासन ने 16 अप्रैल 12 को उन्हें निलंबित कर दिया था।
इस बीच सोमवार को कोर्ट द्वारा शाही को सुनाई गई दुष्कर्म की सजा की चर्चा पूरे दिन एसपी दफ्तर में होती रही। जितना मुंह उतनी बातें।