चिकित्सकों की कुर्सी खाली, कैसे हो इलाज
कुंडा, प्रतापगढ़ : एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण अंचल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुंडा सीएचसी में मनमानी का आलम है। इस वजह से रोजाना सैकड़ों मरीजों की ओपीडी होने के बाद भी चिकित्सकों के आने-जाने का कोई समय नहीं होता। ऐसे में गुरुवार को दोपहर करीब 11 बजे चिकित्सकों की कुर्सियां खाली रहीं और मरीजों की भीड़ जमा रही। घंटों इंतजार के बाद जब चिकित्सक अपने-अपने कक्ष में पहुंचे तो मरीजों ने रात की सांस ली।
कुंडा सीएचसी में तहसील क्षेत्र की सबसे बड़ी सीएचसी है। यहां पर चिकित्सक से लेकर इलाज की सभी सुविधाएं चुस्त दुरुस्त होने का दावा स्वास्थ्य विभाग करता है, लेकिन हकीकत कुछ और है। एक सर्जन के अलावा सीएचसी में पांच और चिकित्सक हैं, लेकिन इनमें से न तो कोई विशेषज्ञ है। न कोई आर्थो सर्जन, ऐसे में रोजाना कई ऐसे मरीज हैं, जिन्हें सीएचसी के चिकित्सक मामुली इलाज के लिए रेफर कर देते हैं।
कई बार क्षेत्रीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से उक्त चिकित्सकों की मांग की, लेकिन लोगों की मांग महज कागजों में फाइल बनकर रह गई। इस बाबत सीएचसी प्रभारी डा. नीरज सिन्हा का कहना है कि कई बार विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए पत्र लिखा गया, लेकिन अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी।