आशाराम बापू को देना चाहिए जांच में सहयोग
-वकीलों ने की मीडिया कर्मियों पर हमले की निंदा
लालगंज, प्रतापगढ़ : नाबालिग बालिका के यौन शोषण प्रकरण में सुर्खियों में छाए संत आशा राम बापू को पुलिस की जांच में सहयोग करना चाहिए। इंदौर, भोपाल आदि स्थानों पर मीडियाकर्मियों पर संतआशा राम के समर्थकों द्वारा किए गए हमले ठीक नहीं हैं। इस मामले को लेकर अधिवक्ताओं ने बैठक कर चिंता जाहिर की। अध्यक्षता करते हुए केबी सिंह ने कहा कि आरोप बालिका द्वारा सही लगाया गया हो या गलत, संत आशा राम बापू को जांच एजेंसी के सामने अपनी बात रखनी चाहिए। देश के कानून से बढ़कर कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यही आरोप आम व्यक्ति के ऊपर लगा होता तो अभी तक आरोपी को पुलिस जेल की सलाखों के पीछे डाल देती। शुक्रवार व शनिवार को भोपाल, इंदौर सहित अन्य स्थानों पर मीडियाकर्मियों पर हुए हमले को उन्होंने कानून के साथ मजाक बताया। उन्होंने कहा कि देश के चौथे स्तंभ मीडियाकर्मियों पर बापू समर्थकों द्वारा हमले की जितनी भी निंदा की जाए कम है। संचालन करते हुए अधिवक्ता परिषद के पूर्व अध्यक्ष टीपी यादव ने कहा कि आरोप तो कोई भी किसी पर लगा सकता है। जांच एजेंसी का काम है जांच करना, पर यह कहां का न्याय है कि मीडियाकर्मियों पर हमला किया जाए। श्री यादव ने कहा कि संत आशा राम बापू कानून से ऊपर नहीं हैं। उन्हें पुलिस के सामने उपस्थित होकर अपनी सफाई देनी चाहिए। मौके पर राजेंद्र मिश्र, उदयराज पाल, राजेश यादव, अबरार अहमद, दीपेंद्र तिवारी, निराला, कुलभूषण शुक्ला, शिवनारायण शुक्ला आदि रहे।
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