सरंक्षण मिले तो 20 साल जीवित रहता है 'टाइगर'
पीलीभीत : मैं बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस कार्बेटी) हूं। मुझे बाघ, शक्तिशाली बिल्ली, विस्मय कारी शिकारी, भ
पीलीभीत : मैं बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस कार्बेटी) हूं। मुझे बाघ, शक्तिशाली बिल्ली, विस्मय कारी शिकारी, भव्य, सुंदर, शाही उपनामों से पुकारा जाता है। बिल्लियों की प्रजाति में शक्तिशाली बाघ का नाम आते ही कौतूहल और भय मन मष्तिष्क पर छा जाता है।
वन्य जीव सप्ताह के अंतर्गत बाघ के बारे में यह जानकारी मौजू हैं। साथ ही विश्व स्तर पर सेव टाइगर मुहिम को भी प्रमुखता से चलाया जा रहा है। बाघ संरक्षण के लिए विश्व प्रकृति निधि की तरफ से दस दिवसीय बाघ संरक्षण का भी महा अभियान चल रहा है। पीलीभीत के जंगल को टाइगर रिजर्व के लिए अनुमोदित कर दिया गया है। बाघ के बारे में पीलीभीत के जंगल काफी प्रसिद्धि पा चुके हैं। दस्तावेजी साक्ष्यों पर गौर करें तो यहां करीब चालीस बाघ हैं लेकिन वन विभाग के सूत्र बता रहें हैं कि पीलीभीत के जंगलों में टाइगर की संख्या करीब 50 हो चुकी है। पैंथेरा टाइग्रिस कार्बेटी का नर 2.70 मीटर से 3.3 मीटर लंबा होता है। इसकी ऊंचाई चार फीट तक होती है। वयस्क मादा बाघ की लंबाई 2.4 मीटर से 2.75 मीटर और होती है इसमें 85 से 110 सेमी तक तो पूंछ ही होती है। नर बाघ का वजन सौ किग्रा से 340 किग्रा तक हो सकता है। बाघ के तीस दांत और पंजे की लंबाई 12 सेमी होती है। बाघ की लंबी कूद नौ मीटर तो रफ्तार 65 किमी प्रति घंटा होती है। दो मीटर तक की कूद तो सामान्य बात है। एक बार में टाइगर 34 किग्रा मांस खाते हैं और 60 से 100 किमी क्षेत्र को सुरक्षित रखते हैं। सबसे दिलचस्प बात है कि जंगल में बाघ की आयु 15 साल होती है। अगर इनका संरक्षण किया जाए तो ये बीस साल तक जीवित रहते हैं।