35 किलो मीटर दूर जाकर परीक्षा देने की मजबूरी
पीलीभीत : किश्वरजहां हाईस्कूल के 176 बच्चों को शारदा नदी पार करीब 35 किलो मीटर दूर जाकर परीक्षा देन
पीलीभीत : किश्वरजहां हाईस्कूल के 176 बच्चों को शारदा नदी पार करीब 35 किलो मीटर दूर जाकर परीक्षा देनी पड़ेगी। रास्ते में जहां नाव से नदी की धारा पार करनी पड़ेगी वहीं कम से कम 15 किमी जंगल के रास्ते में सफर करना पड़ेगा। इतनी दुश्वारियां झेलकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने वाले बच्चे भला किस तरह परीक्षा दे पाएंगे इसको लेकर छात्रों एवं अभिभावकों में आक्रोश देखा जा रहा है।
पिछले कई सालों से ऐसा होता आ रहा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के स्कूल किश्वरजहां हाईस्कूल के बच्चों को परीक्षा देने के लिए हजारा क्षेत्र में जाना पड़ रहा है। इस बार रास्ते की दुश्वारियां बताते हुए लोगों ने डीआइओएस से शिकायत की। डीएम से मिलकर भी समस्या बताई गई परंतु बच्चों की इस समस्या पर अफसर नहीं पसीजे। शेरपुरकलां के इस स्कूल की 223 छात्राओं की परीक्षा तो इसी स्कूल के केंद्र पर होगी पर 176 लड़कों को हजारा क्षेत्र के शारदा बाल विद्या मंदिर कबीरगंज तक जाना होगा। इस स्कूल की दूरी करीब 35 किमी धनाराघाट पुल होकर पड़ेगी। अगर बच्चे शार्टकट अपनाते हुए राहुलनगर नौकाघाट से जाएं तो उन्हें 10 किमी कम चलना पड़ेगा परन्तु नाव से शारदा की धारा पार करनी पड़ेगी। दोनों रास्तों पर करीब 15 किमी घना जंगल है जिसमें बाघ, गुलदार व रीछ जैसे वन्यजीवों का खतरा लगातार बना रहता है। इस स्कूल में पूरनपुर के पीआइसी के 179 बच्चे परीक्षा देंगे। अगर यहां के छात्र पीआइसी पूरनपुर में भेजे जाते तो सबको राहत मिल सकती थी। बच्चों एवं अभिभावकों ने आपबीती बताई।
परीक्षा केंद्र कितनी दूर है मुझे पता नहीं है पर सुना है जंगल से होकर जाना पड़ेगा, इससे दिक्कत होगी। परिवार के लोग भी डर रहे हैं कि कहीं कोई हादसा न हो जाए।
निजाम खां, छात्र कक्षा 10
नाव से शारदा की धार पार करने के नाम पर ही डर लग रहा है। रहने की वहां क्या व्यवस्था होगी यह भी एक बड़ी समस्या है। परिजन व्यवस्था में लगे हैं। मुझे लगता है कि टेंशन में परीक्षा प्रभावित हो सकती है।
इरशाद खां, छात्र, कक्षा 10
मेरे बेटे मुन्ना का परीक्षा केंद्र शारदा पार के स्कूल में गया है। यह हम अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफी है। पूरनपुर में दर्जनों कालेज हैं वहां परीक्षाकेंद्र होना चाहिए था। अफसरों की घोर लापरवाही है ऐसा केंद्र बनाना।
गुड्डू खां, अभिभावक
किश्वरजहां स्कूल में पढ़ रहे मेरे पुत्र सनी खां की परीक्षा कबीरगंज के स्कूल में होगी। इतना छोटा बच्चा वहां कैसे जा पाएगा, कहां रहेगा, यह सब समस्याएं हैं। अफसरों को एक बार खुद देखना चाहिए कि बच्चे कितनी मुसीबत झेलेंगे। बेटा टेंशन में है उसके पास होने में भी संशय लग रहा है।
शहीद खां, अभिभावक