पहले सूखे ने मारा, अब कीटों ने किया बेचारा
पीलीभीत : सूखे से परेशान किसान चीनी मिल चलने के इंतजार में थे। अभी मिलें तो नहीं चल पाईं लेकिन किसान
पीलीभीत : सूखे से परेशान किसान चीनी मिल चलने के इंतजार में थे। अभी मिलें तो नहीं चल पाईं लेकिन किसान एक नई समस्या में घिर गए हैं। दरअसल खेतों में खड़ा गन्ना सूखने लगा है। इसके उपचार के बाद भी कोई राहत न मिलने से किसानों की नींद उड़ गई है।
तराई के इस जिले में गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन होता है। पहले सूखे से किसान परेशान रहे। किसी तरह पानी देकर गन्ने की फसल को तैयार किया। मिल चलने के इंतजार में थे कि अब गन्ने की फसल में कीट लगए गए हैं। जिससे इस समय खेतों में खड़ा गन्ना सूखने लगा है। किसानों ने पानी न दे पाने के कारण ऐसा होना मानते हुए ¨सचाई शुरू कर दी लेकिन इससे भी फसल का रंग नहीं बदला। पत्ती लाल पीली होने के बाद पूरा पेड़ सूख जा रहा है। चांदूपुर में विपिन बिहारी के चार एकड़ में से करीब तीन बीघा गन्ना सूख गया है। गांव के प्रधान रामकुमार, सुभाषचंद्र, प्रशांत पांडे, रामकुमार पांडे, शंकरलाल, सर्वजीत, पुरैना के गुरुमुख ¨सह व शमशेर ¨सह के खेतों में भी खड़ा गन्ना सूख रहा है। किसानों के अनुसार अगर आज 10 फीसद गन्ना सूख है तो दो दिन बाद देखने पर 20 फसदी रकबे में बीमारी का असर दिखने लगता है। इसके चलते किसानों की नींद उड़ गई है। पड़ोस के वीरखेड़ा, सोनूपुरा, खटदिउरा, कलीनगर आदि में भी बीमारी का असर साफ दिख रहा है। खास बात तो यह है कि गन्ना या कृषि विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है। गत वर्ष भी इसी तरह की बीमारी से इस इलाके में गन्ना सूखने से भारी नुकसान हुआ था।
इंसेट
कई बार पानी की कमी से गन्ना सूखता है तो कीट भी इसका कारण बनते हैं। सर्वप्रथम तो किसानों को गन्ने को पानी देना चाहिए। रोकथाम न होने पर कारबंडाजिम व मैनकोजेब 250 एमएल एवं एमिडा 100 एमएल दवा प्रति एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी में स्प्रे करना चाहिए।
डा. एसएस ढाका, कृषि वैज्ञानिक