(सीएम पैकेज) किले की मा¨नद बनी रही कचहरी
- हर तरफ रोके गए वाहन, पैदल जाने वालों को भी नहीं जाने दिया कलक्ट्रेट, वादकारी रहे
- हर तरफ रोके गए वाहन, पैदल जाने वालों को भी नहीं जाने दिया कलक्ट्रेट, वादकारी रहे परेशान
- सिर्फ भाजपा जिलाध्यक्ष अन्य पदाधिकारियों को भी रोका, कई भाजपाइयों की अधिकारियों से नोकझोंक
फोटो-16पीआइएलपी-17, 18
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक के लिए जिला प्रशासन ने पूरे कलक्ट्रेट को किले के मा¨नद बना दिया, जो लोग अपने विभिन्न कार्यों के लिए पैदल कलक्ट्रेट के अंदर जाना चाहते थे, पुलिस ने उन्हें भी घुड़क दिया। वादकारियों को इससे काफी परेशानी उठानी पड़ी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की कवरेज करने पहुंचे मीडिया प्रतिनिधियों को भी रोक दिया गया। कुछ चु¨नदा प्रेस फोटोग्राफरों को ही गांधी सभागार तक जाने की अनुमति दी गई। भाजपा जिलाध्यक्ष के अलावा किसी अन्य पदाधिकारी को भी नहीं जाने दिया गया।
बुधवार को मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर पूर्वाह्न 11.35 बजे पुलिस लाइन के हेलीपैड पर उतरना था। मीडिया के लोग पूर्वाह्न 10 बजे ही कलक्ट्रेट पहुंच गए। पहले तो उन्हें कहा गया कि गांधी सभागार जहां मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक होनी है, वहां कोई मीडिया प्रतिनिधि नहीं जाएगा। बाद में कहा गया कि फोटोग्राफरों के नाम सूची में लिखवा दें, उन्हें भी फोटो लेकर तुरंत बाहर निकलना पड़ेगा। इसके बाद कुछ चु¨नदा प्रेस फोटोग्राफरों को आफीसर्स कॉलोनी की ओर जाने वाले मार्ग से गांधी सभागार परिसर की ओर जाने दिया गया। बाद में उस रास्ते से भी प्रवेश नहीं करने दिया गया। कहा गया कि टनकपुर हाईवे से जो रास्ता आफीसर्स कॉलोनी की ओर जाते हैं, उस रास्ते से आएं। इस दौरान गांवों से पहुंचे वादकारियों को भी सुरक्षा के नाम पर कलक्ट्रेट से बाहर कर दिया गया। हर तरफ वाहन रोके गए। तेज गर्मी और प्यास से लोग व्याकुल रहे।
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प्रभारी मंत्री कार को भी गेट पर रोका
मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर उतरने से दस मिनट पहले ही सहकारिता मंत्री एवं जिले के प्रभारी मुकुट बिहारी वर्मा की गाड़ी सभागार के गेट पर पहुंच गई लेकिन उसे भी अंदर नहीं जाने दिया गया। इस पर मंत्री गाड़ी से उतरकर अंदर गए। गाड़ी को आफीसर्स कॉलोनी के अंदर पार्क किया गया। मी¨टग खत्म होने से चंद मिनट पहले मंत्री की गाड़ी को परिसर में जाने दिया गया।
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विक्षिप्त महिला बढ़ाती रही पुलिस की मुश्किलें
कलक्ट्रेट परिसर में एक विक्षिप्त महिला काफी समय से घूमती रहती है। सामान्य दिनों में तो उसके लिए कोई रोक टोक नहीं होती लेकिन आज पूरे कलक्ट्रेट की किले की तरह सुरक्षा के चलते वह महिला बार-बार गांधी सभागार परिसर में घुसने का प्रयास करने लगती। कई महिला सिपाहियों को उसे रोकने के लिए लगाया गया लेकिन महिला पुलिस को भी उस विक्षिप्त महिला ने खूब छकाया।