कैश साथ ले जाने की झंझट से बचें
पीलीभीत : बाजार में शॉ¨पग करने जा रहे हैं तो ज्यादा कैश लेकर चलने में रिस्क रहता है। ऐसे में यदि
पीलीभीत : बाजार में शॉ¨पग करने जा रहे हैं तो ज्यादा कैश लेकर चलने में रिस्क रहता है। ऐसे में यदि मोबाइल बैं¨कग अथवा डेबिट, क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने की आदत डाल लें तो ज्यादा बेहतर रहेगा। ई-बैं¨कग के माध्यम से घर बैठे खरीदारी भी की जा सकती है। अपने खाते में कैश जमा कराना हो या विभिन्न तरह के बिलों का भुगतान करना हो तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। ये सभी कार्य घर बैठे कम समय में निपटा सकते हैं।
स्टेडियम रोड स्थित एनालाजर कंप्यूटर ट्रे¨नग सेंटर पर शनिवार को जागरण की पहल पर ई-बैं¨कग पाठशाला का आयोजन किया गया। इस पाठशाला में शामिल छात्र-छात्राओं को आइटी एक्सपर्ट अमन सक्सेना ने जानकारी दी कि तमिलनाडु के जिला विलप्पुरम का कस्बा ओरोविल एक ऐसा स्थान है, जहां के लोगों ने कैशलेस अर्थव्यवस्था को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। इस कस्बे में हर छोटी अथवा बड़ी चीज का पेमेंट इलेक्ट्रानिक तरीके से किया जाता है। अपने शहर और जिले में भी इस व्यवस्था को अपनाया जा सकता है। इसमें बहुत से फायदे हैं। घर बैठे आप अपने बैंक खाते की डिटेल चेक कर सकते हैं। खाते से कहीं भी कैश को आसानी से साथ ट्रांसफर कर सकते हैं। शॉ¨पग के लिए बाजार में नकदी ले जाने की कोई जरूरत नहीं है। ई-पेमेंट सबसे आसान तरीका है। उन्होंने कैशलेस अर्थव्यवस्था से होने वाले फायदे गिनाते हुए बताया कि इसमें टैक्स चोरी की कोई आशंका नहीं रहती। नकली करेंसी का खतरा भी नहीं रह जाता। साथ ही चोरी, लूट जैसी घटनाएं भी नहीं होती। उन्होंने बताया कि मोबाइल वॉलेट, नेट बैं¨कग या डेबिट कार्ड में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। अब कैशलेस ट्राजेंक्शन को हर जगह स्वीकार किया जाने लगा है। अगर ऑनलाइन शॉ¨पग करते हैं तो माल मंगाने के बाद ही पेमेंट करें। इससे फायदा यह होगा कि जो चीज मंगाई गई है, उसकी गुणवत्ता को चेक कर सकते हैं। पाठशाला में फूल बी, मनीषा, निकहत, संतोष कुमार, महेश कुमार, शालिनी ¨सह समेत दर्जनो ंछात्र-छात्राएं शामिल रहे। प्रशिक्षण के बाद सभी छात्र-छात्राओं को इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों तथा मुहल्ले व कालोनी में रहने वालों को ई-बैं¨कग का तरीका समझाते हुए इससे होने वाले लाभ के बारे में बताएंगे।