Move to Jagran APP

गन्ना उपज का मिल सकेगा लाभ

-किसान उपज बढ़ोतरी के 31 तक जमा कर सकेंगे आवेदन जागरण संवाददाता, पीलीभीत : तराई के जनपद में गन्ना,

By Edited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 11:55 PM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 11:55 PM (IST)
गन्ना उपज का मिल सकेगा लाभ

-किसान उपज बढ़ोतरी के 31 तक जमा कर सकेंगे आवेदन

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : तराई के जनपद में गन्ना, धान व गेहूं फसल की पैदावार ली जाती है। अब गन्ना के साथ सह फसली लेने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। शरदकालीन बुवाई में किसान ट्रैंच विधि व सह फसली ले रहे हैं। इससे किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। सर्वे के दौरान गांव-गांव गन्ना पर्यवेक्षकों ने किसानों से संपर्क साधकर समस्याओं और गन्ना एरिया की पड़ताल की। इसके बाद समिति स्तर पर मेला लगाया गया। मेला में आई समस्याओं का निराकरण किया गया। गन्ना विभाग ने उपज बढ़ोतरी कराने के लिए अंतिम अवसर दिया है। जिसमें गन्ना किसान 31 अक्टूबर तक आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं। जिला गन्ना अधिकारी राजेश्वर यादव ने बताया कि पेराई सत्र 2016-17 के लिए आयुक्त गन्ना विकास व चीनी उद्योग ने उपज बढ़ोतरी के आवेदन मांगे हैं। सभी किसान समय से अपने आवेदन देकर निर्धारित शुल्क जमा कर दें, जिससे सीजन में गन्ना सप्लाई में किसी प्रकार की समस्या पैदा नहीं होगी। इस संबंध में सचिव व एससीडीआइ को निर्देशित किया जा चुका है।

डीसीओ ने सचिव व एससीडीआइ का मांगा जवाब

सरकारी दफ्तरों के खुलने व बंद करने का समय निश्चित है। मगर अधिकांश सरकारी दफ्तरों में समय के बाद ही अफसर व कर्मचारी पहुंचते हैं। इस समय को अफसर व कर्मचारी आदत में शुमार कर लेते हैं, जो कभी कभार घातक साबित हो जाता है। जिला गन्ना अधिकारी राजेश्वर यादव ने दोपहर करीब बारह बजे टेलीफोन करके सहकारी गन्ना विकास समिति कार्यालय में उपस्थित कर्मचारियों के बारे में पूछा, तो सचिव ही गैर हाजिर पाए गए। इसके बाद गन्ना विकास परिषद संपर्क साधा, तो एससीडीआइ अनुपस्थिति पाए गए। इस पर गन्ना अधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने दोनों अफसरों को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि दोनों अफसरों का जवाब तलब किया गया है। एससीडीआइ को फोन दुरुस्त कराने के निर्देश दिए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.