निवेशकों से पीछा छुड़ाने के लिए दिवालिया घोषित होने की तैयारी कर रहे हैं बिल्डर
क्रेडाई के पदाधिकारियों का भी मानना है कि कुछ बिल्डर अपने प्रोजेक्ट पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं। बिल्डरों को आसान रास्ता नजर आ रहा है कि वे दिवालिया घोषित हो जाएं
नोएडा [लोकेश चौहान]। जेपी के निवेशकों के सामने जो संकट खड़ा हुआ है, ऐसा ही संकट करीब 20 हजार निवेशकों के सामने खड़ा हो सकता है। नोएडा के तीन बिल्डरों को दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया को शुरू किए जाने का निर्णय किसी भी दिन लिया जा सकता है। बिल्डर भी निवेशकों से अपना पीछा छुड़ाने के लिए दिवालिया घोषित होने के लिए अपने स्तर से तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो जिले में रीयल एस्टेट की मार्केट को बड़ा झटका लगेगा।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इस समय करीब चार दर्जन से अधिक बिल्डरों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें से कुछ की गति काफी धीमी है, तो कुछ वर्तमान समय में बंद हो चुके हैं। जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया के शुरू होने से करीब 27 हजार निवेशकों सामने संकट खड़ा हो गया है। इन 27 हजार के अलावा 20 हजार अन्य निवेशकों के सामने भी कुछ ऐसी ही स्थिति आने वाली है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा व ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्रोजेक्ट शुरू करने वाले तीन बिल्डरों को किसी भी दिन दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया को शुरू करने का ऐलान हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो 20 हजार निवेशकों को अपने आशियाने का सपना टूटकर बिखरता हुआ नजर आएगा। जिन तीन बिल्डरों को दिवालिया घोषित किए जाने की तैयारी शुरू करने की बात हो रही है, वह अपने स्तर से भी यही चाह रहे हैं कि उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया जाए। जिससे निवेशकों के प्रति उनकी जो जिम्मेदारी है, उससे वह पूरी तरह से मुक्त हो जाएं।
क्रेडाई के पदाधिकारियों का भी मानना है कि कुछ बिल्डर अपने प्रोजेक्ट पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में बिल्डरों को सबसे आसान रास्ता नजर आ रहा है कि वे दिवालिया घोषित हो जाएं, जिससे उन्हें निवेशकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से छुटकारा मिल जाए। हालांकि अगर ऐसा होता है तो यह न सिर्फ निवेशकों के लिए कष्टकारी होगा, बल्कि रियल एस्टेट के लिए भी अच्छे संकेत नहीं होंगे।
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