जेपी की संपत्ति को खरीदार मिलना मुश्किल
जागरण संवाददाता, नोएडा : जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित किए जाने की तैयारी की जा रह
जागरण संवाददाता, नोएडा : जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित किए जाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में कर्ज वसूली के लिए जेपी की परिसंपत्ति को नीलाम करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि अधूरे प्रोजेक्ट को खरीदेगा कौन, क्योंकि इन प्रोजेक्ट के फ्लैट पर पहला हक तो निवेशकों को होगा। वहीं अधूरे प्रोजेक्ट को खरीदने और फिर से इसे पूरा करने वाली एजेंसी को क्या मिलेगा।
जेपी द्वारा नोएडा विश टाउन प्रोजेक्ट में जो 86 टावर बनाए जा रहे हैं, उसके सभी फ्लैट पहले से बुक हैं। निवेशक पहले ही 90 प्रतिशत तक पैसा जेपी को बैंक के माध्यम से दे चुका है। अब फ्लैट पर कब्जा लेने के लिए निवेशक बची हुई दस प्रतिशत धनराशि देंगे। फ्लैट पर कब्जा उसी निवेशक को दिया जाना है, जिसने बुक किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि मात्र दस प्रतिशत धनराशि लेकर कौन सी एजेंसी प्रोजेक्ट को पूरा कर सकती है। वहीं एजेंसी को प्रोजेक्ट पूरा करने से पहले नीलामी के दौरान भी प्रोजेक्ट खरीदने को पैसा देना होगा। क्रेडाई के पदाधिकारियों का मानना है कि अधूरे प्रोजेक्ट को खरीदकर पूरा करके निवेशकों को देने के लिए किसी बिल्डर का तैयार होना काफी मुश्किल है। क्योकि अभी भी कोई बिल्डर इस स्थिति में नहीं है कि वह मात्र दस प्रतिशत धनराशि के बल पर पहले प्रोजेक्ट को खरीदने के लिए पैसा खर्च और फिर से पूरा करने में पैसा खर्च करे। ऐसे में इस बात की उम्मीद काफी कम है कि अगर नीलामी होती है तो अधूरे प्रोजेक्ट को कोई खरीदेगा। हालांकि इस स्थिति में निवेशकों का क्या होगा, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।