नवजात शिशु विवाह योजना के नाम पर बुना जा रहा फर्जीवाड़े का तानाबाना
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा एक एनजीओ के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में फर्जीवाड़े का ताना-बाना बुना जा रह
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा
एक एनजीओ के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में फर्जीवाड़े का ताना-बाना बुना जा रहा है। सीएसआर ट्रस्ट आफ इंडिया के नाम से संचालित एनजीओ सीएसआर नवजात शिशु विवाह योजना का
संचालन कर रहा है। गांवों में घर-घर पहुंचकर लोगों से योजना के फार्म भराए जा रहे हैं। फार्म भरने वाले लोगों से बैंक के साथ ही उनकी विस्तृत जानकारी ली जा रही है। योजना के तहत फार्म भरने वाले लोगों को एक लाख बीस हजार रुपये मिलने का प्रलोभन दिया जा रहा है। फर्जीवाड़ा करने वाले एनजीओ का सामना दादरी में कुछ जागरूक लोगों से हो गया। लोगों ने जब उनसे रजिस्ट्रेशन, उनके कार्यालय व अन्य जानकारी की तो संचालक सकते में आ गए।
लोगों ने उनसे फार्म छीन लिया। लोगों का गुस्सा देखकर संचालक मौके से नौ-दो-ग्यारह हो गया। एनजीओ ने फार्म पर हेल्पलाइन नंबर व पता दिया हुआ है। नंबर पर कॉल नहीं उठती और कार्यालय पर ताला लटका रहता है।
विभिन्न चीजों के नाम पर फर्जीवाड़े के पूर्व में कई मामले हो चुके हैं। जिसमें फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के द्वारा योजना के नाम पर पैसे लिए जाते हैं। बाद में लाखों-करोड़ों रुपये लेकर योजना का संचालन करने वाले लोग फरार हो जाते हैं। बाद में लोगों के सामने हाथ मलने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता है। क्षेत्र में पूर्व में मोबाइल टावर लगाने, लकी कूपन,
चिट-फंड सहित विभिन्न योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा चुका है।
शादी के नाम पर चला रहे योजना
मौजूदा फर्जीवाड़े का ताना-बाना शिशु विवाह योजना के नाम पर किया जा रहा है। छोटे-छोटे बच्चों की शादी के नाम पर फार्म भराए जा रहे हैं। फार्म में यह नहीं बताया जा रहा है कि शादी लड़की की कराई जाएगी या लड़के की। जो लोग फार्म भरवा रहे हैं उनका निशाना गांव, कस्बे में रहने वाले ऐसे लोग हैं जो ज्यादा पढ़े-लिखे न हों। ताकि वह आसानी से उनके जाल में फंस सके।
हजारों लोगों से भरा चुके हैं फार्म : एनजीओ के द्वारा अब तक हजारों लोगों से फार्म भराया जा चुका है। लोगों को बताया जा रहा है कि जब आप का बच्चा बालिग हो जाएगा तो खाते में एक लाख बीस हजार रुपये आ जाएंगे। मोटे मुनाफे की लालच में लोग जाल में फंस रहे हैं। एनजीओ के द्वारा लोगों से जो फार्म भराया जा रहा है उसमें एक हेल्पलाइन नंबर दिया गया है। लेकिन कई बार संपर्क करने के बाद भी फोन नहीं उठता। साथ ही फार्म पर एनजीओ ने अपना रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं ¨प्रट किया है।
जागरुक लोगों के सामना होने से भागे संचालक : दादरी में एनजीओ के द्वारा लोगों से फार्म भराया जा रहा था। इस दौरान वहां पर क्षेत्र के जागरूक लोग सुधीर वत्स, राजीव शर्मा आ गए। एनजीओ वाले ने उन्हें भी योजना के बारे में बताया। उन लोगों ने जब उनसे पूछा कि शिशु बाल विवाह कैसे हो सकता, उनका रजिस्ट्रेशन नंबर क्या है, योजना का लाभ कब तक मिलेगा जिसके बाद संचालक सकते में आ गए। मौका मिलते ही वहां से भाग खड़े हुए।
इस प्रकार की किसी योजना की जानकारी नहीं है। शिशु विवाह के नाम पर सरकारी स्तर पर किसी योजना का संचालन भी नहीं किया जा रहा है। लोगों ने मामले की शिकायत भी नहीं की है। एनजीओ के बारे में जानकारी कराई जा रही है।
अमित कुमार, एसडीएम दादरी