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बायर्स एक्शन में, बैकफुट पर बिल्डर

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा पैसों का भुगतान कर आशियाने का सपना देखने वाले बायर्स के सपनों पर बिल्डरो

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 01 May 2017 01:00 AM (IST)
बायर्स एक्शन में, बैकफुट पर बिल्डर
बायर्स एक्शन में, बैकफुट पर बिल्डर

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा

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पैसों का भुगतान कर आशियाने का सपना देखने वाले बायर्स के सपनों पर बिल्डरों के द्वारा कुठाराघात किया जा रहा था। जिसके विरोध में बायर्स का प्रदर्शन पिछले लंबे समय से चल रहा था। लेकिन कहीं न कहीं पैसों की हनक व सत्ता में पहुंच के कारण बिल्डरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद बायर्स का मामला मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा था। माना जा रहा है कि दो नामी बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज होने कारण प्रदेश सरकार द्वारा बायर्स के दर्द को सुना जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट सहित शहर में विभिन्न स्थानों पर दर्जनों बिल्डर के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। अपने-अपने प्रोजेक्ट के फ्लैट को बेचने के लिए बिल्डरों के द्वारा बायर्स को सुनहरे सपने दिखाए गए थे। प्रोजेक्ट में विभिन्न सुविधाओं के साथ फ्लैट पर जल्द कब्जा देने का वादा किया गया था। बहकावे में आकर बायर्स ने प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराए। अपनी गाढ़ी कमाई को बिल्डरों के हवाले कर दी। लेकिन इक्का-दुक्का बिल्डरों के प्रोजेक्ट को छोड़ दिया जाए तो अन्य ने समय पर कब्जा नहीं दिया। कई बिल्डर की स्थिति तो ऐसी रही कि निर्धारित समय तक प्रोजेक्ट का मात्र कुछ फीसद हिस्सा ही तैयार हो सका। बायर्स के विरोध के बाद बिल्डर ने कब्जा देने के लिए और वक्त मांगा, लेकिन अपने वादे पर खरे नहीं उतरे, जिसके बाद बिल्डरों के विरोध में बायर्स संगठित होने लगे। बिल्डरों के विरोध में बायर्स ने धरना-प्रदर्शन, कैंडल मार्च, अर्ध नग्न प्रदर्शन आदि किए। सरकार तक मामले की शिकायत की। लेकिन बिल्डरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे बायर्स के ऊपर दोहरी मार पड़ी। फ्लैट खरीदने के लिए बायर्स ने बैंक से लोन लिया था। लोन की एवज में उन्हें बैंक को हर माह मोटी किस्त देनी पड़ रही थी। साथ ही जिस जगह पर वह रह रहे थे उस मकान का किराया भी देना पड़ रहा था। विरोध में बायर्स ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी, लेकिन बाद में विरोध नहीं किया था। कुछ दिनों पूर्व बायर्स ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मामले की शिकायत की थी। बायर्स को आश्वासन मिला था कि बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसका असर दिख गया। बायर्स की शिकायत के बाद पुलिस ने जेपी व आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिससे बायर्स को उम्मीद जगी है। वहीं दूसरी तरफ बिल्डरों में खलबली मची हुई है।


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