पौधारोपण में फर्जीवाड़े की जांच के सीईओ ने दिए आदेश
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हुए पौधारोपण में फर्जीवाड़े की जांच के मु
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हुए पौधारोपण में फर्जीवाड़े की जांच के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आदेश दिए हैं। पौधरोपण या उसकी देखभाल में लापरवाही को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उनके वेतन से पौधरोपण पर हुए खर्च की वसूली होगी। सीईओ ने जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।
मानसून के दौरान प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर पौधरोपण हुआ था। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को हरा भरा बनाने के लिए अगस्त में करीब 22 हजार हजारों पौधे रोपे गए। प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन व अधिकारियों कर्मचारियों ने बढ़चढ़ कर पौधे रोपे। इन पौधे को साठ मीटर चौड़ी सड़क के समानांतर हरित पट्टी व सेक्टर 18, 20 में लगाया गया था। पौधों की देखभाल के लिए प्राधिकरण ने कर्मचारियों की तैनाती की। पौधे की ¨सचाई एवं देखभाल के लिए ठेकेदार को जिम्मेदारी देने के साथ ही प्राधिकरण ने निगरानी के लिए अलग से कर्मचारी भी तैनात किए। लाखों रुपये खर्च होने बावजूद प्राधिकरण क्षेत्र में हरियाली का दूर-दूर तक नामो निशान नहीं है। रोपे गए अधिकतर पौधे चंद महीनों में ही गायब हो चुके हैं। ¨सचाई न होने से अधिकतर पौधे सूख गए या उन्हें जानवरों ने अपना निवाला बना लिया। अधिकारियों व कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
प्राधिकरण के सीईओ ने शिकायत मिलने पर मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। ओएसडी हेम ¨सह को यह जांच करने को कहा गया है कि पौधे रोपे गए थे या नहीं। कितने पौधे रोपे गए। उन पर कितना खर्च किया गया। कितने पौधे शेष हैं और कितने नष्ट हो चुके हैं। दोषियों से रोपे गए पौधों पर हुए खर्च की वसूली की जाएगी। ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। उसे ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।
प्राधिकरण द्वारा रोपे गए पौधे की उचित देखभाल न होने पर उनके नष्ट होने की शिकायत मिली है। इसकी जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। पौधे नष्ट होने के लिए दोषी कर्मचारियों से खर्च की वसूली होगी।
डा. अरुणवीर ¨सह, सीईओ यमुना प्राधिकरण