पतंजलि के प्रस्ताव पर प्राधिकरण ने शासन को भेजी रिपोर्ट
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: प्रदेश सरकार से पतंजलि का प्रस्ताव मिलने के बाद बृहस्पतिवार को प्राधि
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: प्रदेश सरकार से पतंजलि का प्रस्ताव मिलने के बाद बृहस्पतिवार को प्राधिकरण चेयरमैन व यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक हुई। पतंजलि ने निवेश के लिए जो रियायतें मांगी हैं, बैठक में उन पर विचार किया गया। प्राधिकरण ने जमीन आवंटन के लिए अपनी नियमावली, वर्तमान दर आदि के बारे में शासन को रिपोर्ट भेज दी है। जल्द ही इस संबंध में बैठक होने की संभावना है। इसमें प्राधिकरण के अलावा पतंजलि के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि पतंजलि ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश के लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव सौंपा था। पतंजलि ने प्राधिकरण क्षेत्र में 650 एकड़ जमीन मांगी है। उसकी प्राधिकरण क्षेत्र में विश्व विद्यालय, फूड प्रोसे¨सग यूनिट के अलावा कृषि व सौंदर्य उत्पाद का उत्पादन करने की योजना है। इसके लिए पतंजलि करीब एक हजार करोड़ का निवेश करेगा। लेकिन इसके एवज में पतंजलि ने कई रियायते मांगी है। इसके तहत जमीन को रियायती दर पर आवंटित करने, संस्थागत को औद्योगिक जमीन में बदलने, ब्याज दर 12 फीसद के बजाए पांच फीसद, किस्त का भुगतान आठ वर्ष के बजाए पंद्रह वर्ष में करने के अलावा एसपीवी गठन की भी छूट मांगी है। मई में आचार्य बालकृष्ण ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र का दौरा कर जमीन की लोकेशन को देखा था। शासन ने पतंजलि की ओर से मिले प्रस्ताव को यमुना प्राधिकरण को 27 जुलाई को भेजा था। प्राधिकरण को निर्देश भी दिए थे कि वह जल्द से जल्द इसका आंकलन कर रिपोर्ट दे।
शासन के निर्देश को देखते हुए प्राधिकरण के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने प्राधिकरण के एसीईओ अमर नाथ उपाध्याय व अन्य अधिकारियों के साथ नोएडा में बैठक की। बैठक में उन शर्तों पर चर्चा हुई जो पतंजलि की ओर से रखी गई है। बृहस्पतिवार को रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई है। रिपोर्ट में प्राधिकरण ने जमीन आवंटन की नियमावली, जमीन खरीद, उसके विकास पर होने वाले खर्च आदि की जानकारी शासन को दी गई है। प्राधिकरण ने संस्थागत गतिविधि के अलावा औद्योगिक गतिविधि के लिए मिश्रित भूपयोग का विकल्प भी सुझाया है। मिश्रित भूपयोग में औद्योगिक के साथ साथ अन्य गतिविधियों के संचालन की भी अनुमति है।
शासन ने पतंजलि का प्रस्ताव प्राधिकरण को भेजा था। इस पर विचार करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। पतंजलि ने साढ़े छह सौ एकड़ जमीन मांगी है। शासन इस बारे में निर्णय करेगा।
अमरनाथ उपाध्याय, एसीईओ यमुना प्राधिकरण।