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रमजान के तीसरे जुम्मे पर रोशन रहीं मस्जिदें

संवाद सहयोगी, बिलासपुर: रमजान महीने के तीसरे जुम्मे (शुक्रवार) पर बिलासपुर की विभिन्न मस्जिदों में ज

By Edited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 07:07 PM (IST)
रमजान के तीसरे जुम्मे पर रोशन रहीं मस्जिदें

संवाद सहयोगी, बिलासपुर: रमजान महीने के तीसरे जुम्मे (शुक्रवार) पर बिलासपुर की विभिन्न मस्जिदों में जुम्मे की नमाज अता करने करने के लिए नमाजियों की भीड़ उमड़ी। बूढ़े हो फिर बच्चे सभी ने रोजा रखकर देश में अमन और चैन के लिए दुआएं मांगी। जुम्मे की नमाज शांतिपूर्वक ढंग से कराने को लेकर मस्जिदों के पास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। नगर पंचायत ने मुस्लिम बहुल इलाकों में मस्जिदों के नजदीक खास तौर पर साफ-सफाई करवाई। शुक्रवार को बिलासपुर कस्बा स्थित मदीना मस्जिद, उस्मानिया मस्जिद, अफगानान मस्जिद व जामा मस्जिद में हजारों की तादाद में नमाजियों ने जुमे की नमाज अता की। वही, किन्हीं कारणों से रोजा न रखने वालों ने भी तीसरे जुम्मे पर रोजा रखा। इस मौके पर उस्मानिया मस्जिद के इमाम हाफिज गुलफाम ने कहा कि रमजानुल मुबारक नेकियों का मौसम-ए-बहार है। यह इबादत की कसरत का महीना है। इस महीने का खास महत्व होता है। इसमें इबादत और नेकियों का सवाब 70 गुणा इजाफे के साथ अता किया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यह महीना जिक्र तिलावत और इबादत से नेकी हासिल करने का है। सभी को इसका फायदा लेना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि रमजान माह में एक कोताही ये भी है कि लोगों में सुस्ती पाई जाती है। रोजा रख लोग दिन का अधिकांश समय सोने में गुजार देते हैं। जबकि इसमें हर लम्हे की कद्र करनी चाहिए। रमजान में इबादत का एहतमाम करना चाहिए।


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