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पाकिस्तान जाने के लिंक की तलाश में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा

- दिल्ली स्पेशल सेल और एटीएस नोएडा ने बुधवार को गिरफ्तार किए थे तीन आतंकी - एटीएस नोएडा ने देवबंद

By Edited By: Published: Fri, 06 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 01:01 AM (IST)
पाकिस्तान जाने के लिंक की तलाश में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा

- दिल्ली स्पेशल सेल और एटीएस नोएडा ने बुधवार को गिरफ्तार किए थे तीन आतंकी

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- एटीएस नोएडा ने देवबंद से पकड़े गए आतंकी शाकिर से की विस्तृत पूछताछ

- जैश-ए-मोहम्मद के फेसबुक पेज से मिला था व्हाट्स एप का नंबर

ललित विजय, नोएडा : देवबंद का आतंकी शाकिर पाकिस्तान जाने के लिंक की तलाश में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ गया। शाकिर पाकिस्तान जाकर आतंकी हमले का प्रशिक्षण लेना चाहता था। वह फेसबुक पर लगातार पाकिस्तान में रहने वाले लोगों से दोस्ती कर रहा था। उनमें से कोई भी उसे अपना रिश्तेदार बताकर पाकिस्तान बुलाने को तैयार नहीं था। इसके बाद वह जैश-ए-मोहम्मद के फेसबुक पेज से जुड़ा। फेसबुक के मैसेंजर से उसने बातचीत शुरू की। इसी दौरान उसे एक मोबाइल नंबर मिला। मोबाइल नंबर पर फोन करने पर बात नहीं हुई लेकिन व्हाट्स एप पर मैसेज करने पर जवाब आ गया। शाकिर की व्हाट्स एप पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी वसीम से बात होने लगी। शाकिर ने वसीम से पाकिस्तान आकर आतंकी हमला करने की ट्रेनिंग लेने की इच्छा जताई। वसीम ने ही व्हाट्स एप पर जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर के भाई तलाह अजहर से शाकिर का संपर्क कराया। तलाह ने शाकिर को पाकिस्तान बुलाने का आश्वासन दे दिया था। शाकिर ने पासपोर्ट भी बनवा लिया था। वह पाकिस्तान जाता, इससे पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एंटी टेररिस्ट स्क्वायड(एटीएस) नोएडा की संयुक्त टीम ने उसे साजिश और समीर के साथ गिरफ्तार कर लिया। एटीएस नोएडा ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में शाकिर से विस्तार से पूछताछ की। जिससे उत्तर प्रदेश में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के अन्य मॉड्यूल तक पहुंचा जा सके।

एक भाई डाक्टर, दूसरा इंजीनियर फिर भी चुना आतंक का रास्ता

शाकिर ओपन स्कूलिंग से बारहवीं पास है। शाकिर के एक भाई जुबैर आलम दिल्ली के ओखला में फिजिशियन हैं। दूसरे भाई अनस अंसारी इंजीनियर हैं। शाकिर का शुरू से ही पढ़ने में मन नहीं लगता था। वह ओसामा बिन लादेन, मसूद अजहर समेत अन्य आतंकियों के इंटरनेट पर भाषण सुनता था। जिससे प्रभावित होकर वह लादेन जैसे कपड़े भी पहनने लगा और वेशभूषा रखने लगा था। उसने दिल्ली में तीन साल एक जूते की दुकान पर भी काम किया है। वह सेल्स मैन था। इसी दौरान उसने कंप्यूटर की बारीकियां सीखी। फिर नौकरी छोड़कर देवबंद चला गया।

एटा से मिली साजिद के बारे में जानकारी

शाकिर आठ माह पहले जमात लेकर एटा गया था। जहां उसे चांद बाग दिल्ली में रहने वाले साजिद के बारे में जानकारी मिली थी। उसने साजिद का नंबर लेकर उससे बात की। फिर दोनों की निजामुददीन रेलवे स्टेशन पर मुलाकात की बात तय हुई। शाकिर कुछ दिनों बाद ही निजामुददीन रेलवे स्टेशन आकर साजिद से मिला। दोनों के आंतकी मकसद होने के कारण तत्काल दोस्ती हो गई। साजिश के माध्यम से ही शाकिर लोनी गाजियाबाद में रहने वाले समीर से मिला। तीनों ने आपस में तय किया था कि शाकिर पाकिस्तान जाकर आतंकी हमले के लिए ट्रेनिंग लेना। साजिद और समीर भारत में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को साथ में जोड़कर मजबूत आतंकी संगठन तैयार करेंगे। इसके लिए साजिद ने व्हाट्स एप ग्रुप भी बनाया था। इसी बीच तीनों इंटेलिजेंस ब्यूरो के रडार पर आ गया। जहां से मिले इनपुट से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एटीएस नोएडा ने तीनों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।


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