अमेरिकी एडवाइजरी से देश के निर्यात व पर्यटन उद्योग को झटका
कुंदन तिवारी, नोएडा : अमेरिकी ट्रैवेल एडवाइजरी (अमेरिकी नागरिकों को विदेश यात्रा से परहेज) से भारतीय
कुंदन तिवारी, नोएडा : अमेरिकी ट्रैवेल एडवाइजरी (अमेरिकी नागरिकों को विदेश यात्रा से परहेज) से भारतीय निर्यातकों के हाथ पांव फूल गए हैं। उन्हें इस वित्तीय वर्ष में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही नहीं इस एडवाइजरी से देश का पर्यटन उद्योग भी प्रभावित होने वाला है। इसका असर आने वाले समय में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर देखा जा सकेगा। अमेरिकी फैसले से विदेशी मुद्रा कोष में भारी गिरावट आने की संभावना है। इस बात के संकेत निर्यातकों ने दे दिए हैं।
मौजूदा समय में देश में वित्तीय वर्ष 2014-15 के मुताबिक करीब 340 अरब डालर (2.5 लाख करोड़ रुपए) का निर्यात है। प्रतिवर्ष करीब पांच मिलियन विदेशी पर्यटक भ्रमण पर आते हैं। इनसे 20,000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है। अमेरिकी एडवाइजरी से इसका प्रभावित होना तय है।
आस्ट्रेलियन बायर्स से मिलकर लौटे नोएडा के निर्यातक राजीव बंसल (इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष) ने बताया कि पिछले दिनों आइएसआइएस ने फ्रांस के पेरिस पर जो आंतकी हमला किया है। उससे यूरोप बिखर गया है। अमेरिका इससे पूरी तरह से टूट चुका है। अब इस हमले का असर देश पर भी पड़ने लगा है। हालात यह है कि अमेरिकी बायर्स ने किसी भी प्रकार की विदेश यात्रा करने से साफ इन्कार कर दिया है। हवाला दिया जा रहा है कि अमेरिकी सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए टै्रवेल एडवाइजरी जारी की है। इसमें अमेरिकी नागरिकों से कम से कम विदेशी यात्रा करने को कहा गया है, क्योंकि यात्रा के दौरान जानमाल का खतरा है। अमेरिकी सरकार के निर्देश पर क्रिसमस बाद भारत आने वाले विदेशी बायर्स ने अपना दौरा रद कर दिया है। इससे निर्यातकों के सामने आर्डर मिलने का संकट खड़ा हो गया है। वैसे ही आर्थिक मंदी का माहौल चल रहा है। इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में सिर्फ 1,38,916.16 करोड़ रुपए का निर्यात हो सका है। जो पिछले वर्ष अक्टूबर माह के मुकाबले 17 फीसद कम है। अमेरिका व यूरोप वैसे ही लंबे समय से आर्थिक रूप से कमजोर चल रहा है, लेकिन अब आंतकी घटना से भयभीत होने से समस्या और भी गंभीर हो गई है। मौजूदा समय में देश का 80 फीसद निर्यातक यूरोप व अमेरिका पर ही निर्भर हैं। ऐसे में बायर्स नहीं आने से निर्यातकों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे भारतीय पर्यटन उद्योग को भी बड़ा झटका लगेगा।