किसानों में रोष
संवाद सहयोगी, दादरी : बारिश और ओलावृष्टि से फसल तबाह होने के बाद शासन से मुआवजे की आस लगाये बैठे क
संवाद सहयोगी, दादरी :
बारिश और ओलावृष्टि से फसल तबाह होने के बाद शासन से मुआवजे की आस लगाये बैठे किसानों पर महंगाई का एक और झटका लगा है। डीजल के दाम बढ़ने से किसान नाराज हैं। दाम बढ़ने से फसल बोने की तैयारी कर रहे किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ना लाजिमी है। ऐसे में किसानों को अब अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी।
सरकार ने डीजल के दाम में लगभग ढ़ाई रुपए बढ़ा दिए हैं। फसल बोने की तैयारी कर रहे किसानों ने डीजल के दाम बढ़ने पर नाराजगी जताई है। पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी से किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। ओलावृष्टि और बारिश से ज्यादातर फसल बर्बाद हो चुकी है। फसल बर्बाद होने से सब्जी और दाल के दामों में बढ़ोतरी हो गई है।
जारचा निवासी किसान जमालुददीन का कहना है कि कर्ज में दबा किसान एक तरफ बर्बाद फसल का मुआवजा लेने के लिए सरकार की तरफ टकटकी लगाये बैठा है। इस पर डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों को आफत में डाल दिया गया है।
गुलावठी खुर्द के किसान क्षेत्रपाल ¨सह का कहना है कि किसानों की समस्या को देखते हुए सरकार को चाहिए था की डीजल के दाम कम करे। ताकि किसानों को कुछ राहत मिले।
कोट गांव निवासी सौराज ¨सह का कहना है कि सरकार सिर्फ उधोग पतियों की ओर ही ध्यान दे रही है। किसानों को नजर अंदाज किया जा रहा है। डीजल के दाम बढ़ने से किसानों को फिर से कर्ज में डूबने के लिए विवश होना पड़ेगा।
किसान भूपेंद्र का कहना है कि डीजल मंहगा होने से सभी चीजें महंगी हो जाएंगी, क्योंकि माल भाड़ा बढ़ जाएगा। जिससे फसल बोने में और अधिक खर्च होगा।
किसान शहनवाज का कहना है कि इस समय डीजल के दाम बढ़ना किसानों के हित में नहीं है। किसान निवासी किसान प्रेम चोपड़ा का कहना है कि पहले ही किसान आफत में फंसा हुआ है। अब डीजल की मंहगाई और बर्बाद कर देगी।