अब आवंटन दर पर ही देनी होगी पैनल्टी
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भूखंड आवंटियों को बड़ी राहत देते हुए भवन
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भूखंड आवंटियों को बड़ी राहत देते हुए भवन निर्माण और लीज डीड में देरी होने पर विलंब शुल्क के नियमों में बदलाव किया है। आवंटियों को अब बाजार दर की बजाय भूखंडों के आवंटन दर पर विलंब शुल्क देना होगा। इस निर्णय से करीब छह से सात हजार आवंटी लाभांवित होंगे।
नियमानुसार भूखंड आवंटन के दो साल के अंदर लीज डीड (रजिस्ट्री) करानी होती है। इसके बाद दो साल के अंदर भूखंड पर भवन निर्माण कर कंप्लीशन लेने का प्रावधान है। निर्धारित तिथि बीतने पर अब तक पहले वर्ष में लीज डीड और भवन निर्माण पर चार फीसद विलंब शुल्क वसूला जाता है। दूसरे वर्ष में छह, तीसरे में आठ, चौथे में नौ पांचवें में दस और इसके बाद 12 फीसद विलंब शुल्क वसूलने का प्रावधान है। आवंटन दर और बाजार दर में कई गुना का अंतर होता है, इसलिए बाजार दर पर विलंब शुल्क लगने से आवंटियों पर भी अधिक भार पड़ जाता था। हालांकि, शुल्क की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पूर्व में निर्धारित दरों के हिसाब से ही विलंब शुल्क वसूला जाएगा। जिन आवंटियों ने अब तक भूखंडों की रजिस्ट्री और भवन निर्माण नहीं किया है, उन्हें नोटिस भेजकर शीघ्र रजिस्ट्री कराकर निर्माण करने का निर्देश दिया गया है। शहर में आबादी नहीं बढ़ पा रही है। प्राधिकरण की कोशिश है कि आवंटियों को विभिन्न प्रकार की रियायत देकर उन्हें शहर में मकान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। डेल्टा, स्वर्णनगरी, चाई-फाई, पी थ्री, पाइ, सेक्टर दो, तीन, 36 व 37 आदि कई सेक्टरों में करीब छह हजार आवंटी ऐसे हैं, जिन्होंने भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं कराई है और न ही निर्धारित अवधि में निर्माण कर कंप्लीशन लिया है।
आवंटियों को रियायत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे खाली पड़े भूखंडों में भवन निर्माण हो सकेगा। इससे शहर की आबादी भी बढ़ेगी।
-मानवेंद्र सिंह, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण।