ग्रेडिंग प्रणाली से टॉपर छात्रों को होगा नुकसान
जागरण संवाददाता, नोएडा : सरकारी से लेकर निजी विवि तक के छात्रों को परीक्षा पास करने के लिए अंकों
जागरण संवाददाता, नोएडा :
सरकारी से लेकर निजी विवि तक के छात्रों को परीक्षा पास करने के लिए अंकों की मारामारी नहीं करनी होगी। अब छात्रों को परीक्षा पास करने के लिए अंकों की जरूरत नहीं होगी। वह ग्रेडिंग प्रणाली से परीक्षा पास कर सकेंगे। ग्रेडिंग प्रणाली लागू होने से पढ़ाई में कमजोर और मध्यम छात्रों को लाभ होगा। मगर टॉपर छात्रों को नुकसान होगा। अभी तक टॉपर छात्रों को 100 फीसद अंक प्राप्त करने तक का मौका मिल सकता था, लेकिन अब वह चाहे जितना अच्छी कापी परीक्षा में लिख लें। फिलहाल वह छात्र 95 फीसद से अधिक अंक प्राप्त नहीं कर सकता है।
यूजीसी के कड़े रुख के चलते विवि की परीक्षा में अंक प्रणाली बंद करनी होगी। उन्हें परीक्षा में अंकों के स्थान पर ग्रेडिंग प्रणाली से फेल और पास किया जाएगा। इसके लिए आठ ग्रेड तय की गई हैं। आठ ग्रेड में से ए प्लस पाने वाला परीक्षा का टॉपर होगा। जबकि एफ ग्रेड पाने वाला फेल होगा।
इनमें ए प्लस ग्रेड उस छात्र को मिलेगी, जो परीक्षा में सबसे अधिक अंक पाएगा। इसके अलावा एफ ग्रेड पाने वाला छात्र सबसे कम अंकों की कतार में होगा। जबकि डी ग्रेड वाला छात्र सप्लीमेंटरी वाला छात्र होगा। हालांकि जिले में कई विश्वविद्यालय चल रहे हैं। इनमें एकलौता शारदा विवि था, जिसने यूजीसी के निर्देश और कड़े रुख से पहले ही ग्रेडिंग प्रणाली लागू कर दी थी। हालांकि जिले में अब जो कई विवि ग्रेडिंग लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।
--शारदा विवि जिले का इकलौता संस्थान नहंी था, बल्कि यह दिल्ली एनसीआर का पहला विवि था, जिसने 2009 में परीक्षा में ग्रेडिंग प्रणाली लागू की थी। विवि में तभी से छात्र ग्रेडिंग प्रणाली से परीक्षा पास कर रहे हैं।
अजीत कुमार, डिप्टी रजिस्ट्रार, शारदा विवि, ग्रेटर नोएडा।
ये छात्रों को मिलेंगे ग्रेड :
श्रेणी ग्रेड
प्रथम ए प्लस व ए
द्वितीय बी प्लस व बी
तृतीय सी प्लस व सी
सप्लीमेंटरी डी
फेल एफ