आटो चालकं हड़ताल पर
जागरण संवाददाता, नोएडा : एनसीआर ऑटो परमिट, ं इलेक्ट्रॉनिक मीटर और फिटनेस प्रमाण-पत्र के मुद्दे पर
जागरण संवाददाता, नोएडा :
एनसीआर ऑटो परमिट, ं इलेक्ट्रॉनिक मीटर और फिटनेस प्रमाण-पत्र के मुद्दे पर आटो चालकों ने अपनी दो दिवसीय हड़ताल मंगलवार से शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ लोग परेशान होकर अपने घरों को लौट गए। कई वाहन चालकों ने इसका फायदा उठाते हुए सवारियों से दोगुना किराया वसूला। आटो चालक एसोसिएशन ने बुधवार को भी हड़ताल करने का एलान किया है।
लोगों की समस्या को देखते हुए परिवहन विभाग की ओर से रोडवेज प्रशासन से सिटी बसों को विभिन्न रूट पर चलवाया गया, लेकिन ये सवारियों के लिए नाकाफी थीं। एक्सप्रेस-वे की ओर जाने के लिए सवारियों को साधन नहीं मिले। बहुत सी सवारियां सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से लौट गई। नोएडा सीएनजी ऑटो चालक एसोसिएशन ने 27 व 28 जनवरी को नोएडा-ग्रेटर नोएडा में चलने वाले 9000 ऑटो के हड़ताल पर रहने का एलान किया था, लेकिन यह दावा एसोसिएशन का सौ फीसदी नहीं रहा। करीब 90 फीसद ऑटो को ही हड़ताल में शामिल कराया जा सका। दस फीसद ऑटो को सड़क पर दौड़े, जिसको लेकर जगह-जगह छुटपुट विरोध भी ऑटो चालकों की ओर से किया गया, जिसमें ऑटो के टायर को पंचर किया गया और शीशों को तोड़ा गया। बाद में एसोसिएशन के पदाधिकारियों के आदेश पर ऑटो चालकों हड़ताल में स्वेच्छा से शामिल होने का आग्रह किया गया। किसी भी प्रकार के ¨हसक घटना नहीं करने का निर्देश दिया गया।
रिक्शे वालों ने चांदी काटी
आटो हड़ताल से रिक्शे वालों की चांदी रही। उन्होंने सवारियों से दो से चारगुना किराया लिया। जिस जगह पर बीस रुपये प्रतिदिन किराये के रूप में लिए जा रहे थे। उस जगह पहुंचाने की कीमत हड़ताल पर 50 रुपये तक थी। कुछ जगह तो रिक्शे वाले 100-200 रुपये भी वसूले।
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सिटी सेंटर से सेक्टर-62 तक चली बस
नोएडा रोडवेज डिपो की ओर से सवारियों की सुविधा के लिए सिटी बस सेवा को चलाया गया। इसमें सेंटर मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-62 दिन भर सवारियों को लाया जे जाया गया।
बस संचालन की स्थिति
-रोडवेज ने विभिन्न टेंपो स्टैंड से 12 बसें का संचालन किया
-निजी बस आपरेटरों ने 21 बसों को परिवहन विभाग के निर्देश पर चलवाया
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दिल्ली के सरोजनी नगर से आया हूं। एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थित सेक्टर-100 अपने रिश्तेदार के घर जाना है, लेकिन अब यहां से साधन ही एक्सप्रेस-वे के लिए उपलब्ध नहीं है। रिक्शे वालों ने जाने से ही मना कर दिया है।
-तनय, निवासी, सरोजनी नगर, नई दिल्ली।
कंचनजंगा में प्रतिदिन कराटे का प्रशिक्षण देने के लिए आता हूं। आज दिल्ली स्थित जनकपुरी काम से चला गया था। मेट्रो से सिटी सेंटर तो पहुंच गया, लेकिन कंचनजंगा पहुंचने में अब सवारी ही नहीं मिल रही है। रिक्शेवाले भी वहां पर जाने से मना कर रहे हैं।
-अम¨रदर, निवासी, खोड़ा।
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नोएडा सीएनजी ऑटो चालक एसोसिएशन के पदाधिकारियों से संपर्क साधा गया था, लेकिन एसोसिएशन पदाधिकारियों ने फोन ही नहीं उठाया। अब संबंधित विभाग के अधिकारियों की उन्हें बातचीत में शामिल करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है।
-केपी सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट, नोएडा।
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ऑटो चालकों का प्रतिदिन शोषण परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से किया जा रहा है। अब शोषण की अति हो चुकी है। इसलिए हड़ताल के जरिये इस मामले को उजागर किया जा रहा है, जिससे शासन व प्रशासन को भी परिवहन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जा सके। हड़ताल संपूर्ण ऑटो चालकों के हित के लिए है। ऐसे में अगर ऑटो चालक स्वेच्छा से शामिल होते हैं तो अच्छी बात है। वैसे कुछ को छोड़कर सभी ऑटो चालक हड़ताल में शामिल रहे हैं।
-ओम प्रकाश गुर्जर, नोएडा सीएनजी ऑटो चालक एसोसिएशन।
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जो ऑटो यूनियन हड़ताल पर है, उसने अपनी समस्याओं से विभाग के अधिकारियों का अवगत नहीं कराया है। इससे उनकी समस्याओं की जानकारी नहीं है, लेकिन इतना अवश्य पता चला है कि ऑटो चालकों की हड़ताल फ्लॉप शो साबित हुई। यूनियन का एक धड़ा हड़ताल का विरोध कर रहा था, जिसने कुछ ऑटो का संचालन सड़क पर कराया है। इसको लेकर कई जगह विरोध की भी सूचना है।
-रचना यदुवंशी, एआरटीओ (ए) गौतमबुद्ध नगर।