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72 घंटे में होगी पीएफ न जमा करने वाली कंपनी की जांच

आशुतोष यादव, नोएडा श्रमिकों के भविष्य निधि के धन को डकारने वाली कंपनियों पर भविष्य निधि विभाग ने

By Edited By: Published: Tue, 27 Jan 2015 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 04:46 AM (IST)
72 घंटे में होगी पीएफ न जमा करने वाली कंपनी की जांच

आशुतोष यादव, नोएडा

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श्रमिकों के भविष्य निधि के धन को डकारने वाली कंपनियों पर भविष्य निधि विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। श्रमिकों के हिस्से का पीएफ नहीं जमा करने पर कंपनियों के खिलाफ अब 72 घंटे में जांच कर श्रम मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। साथ ही कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक किसी कंपनी की जांच करने में दस से पंद्रह दिन लगते थे।

सीएआइयू करेगी कंपनियों को निगरानी

श्रम मंत्रालय ने ई गर्वनेंस सिस्टम के तहत कंपलेंट सेंट्रल एनालिसिस एंड इंटेलीजेंस यूनिट (सीएआइयू) गठित की है, जो श्रमिकों का पीएफ न जमा करने वाली कंपनियों की निगरानी करेगी। संदिग्ध कंपनी की जांच कराने के लिए संबंधित जिले के पीएफ कमिश्नर को ईमेल से जानकारी दी जाएगी। ईमेल प्राप्त होने के बाद 72 घंटे के अंदर कंपनी की जांच की जाएगी। श्रम मंत्रालय और पीएफ विभाग के मुख्यालय दिल्ली को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसी के साथ ही दोषी कंपनी के खिलाफ पीएफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

सॉफ्टवेयर करेगा मामले की जांच

पीएफ को पारदर्शी बनाने के लिए श्रम मंत्रालय ने एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसके माध्यम से श्रम विभाग, वाणिज्य एवं आय कर विभाग, सीमा व उत्पाद शुल्क और सेवा कर विभाग, विश्वविद्यालयों, भारतीय रेलवे, खाद्य, औषधि विभाग, लघु, मझोले एवं भारी उद्योगों, श्रम मंत्रालय, ट्रेड यूनियन, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया के अलावा अन्य एजेंसियों से आंकड़े एकत्र कर सॉफ्टवेयर अपडेट करेगा। किसी कंपनी द्वारा कम पीएफ जमा करने या अचानक कर्मचारियों की संख्या कम दर्शाने की सॉफ्टवेयर जानकारी देगा। श्रम मंत्रालय संबंधित कंपनी की जांच करने का निर्देश देगा, जिसकी रिपोर्ट 72 घंटे में उपलब्ध कराना पड़ेगा। इसके अलावा किसी की शिकायत मिलने पर भी श्रम मंत्रालय से जांच के निर्देश जारी होंगे।

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साढे़ तीन हजार कंपनियों के मामले विचाराधीन

भविष्य निधि विभाग नोएडा में जिले की लगभग 3500 कंपनियों के खिलाफ अर्थदंड के मामले विचाराधीन हैं, जिसमें कई ऐसी कंपनियां हैं जो श्रमिकों का पीएफ चोरी कर रही थीं।

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सीएआइयू से किसी कंपनी के खिलाफ जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रति महीने जिले में 10 से 15 कंपनियों के खिलाफ जांच की जाती है। मामले में दोषी पाए जाने पर श्रम मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के साथ ही संबंधित कंपनी के खिलाफ पीएफ एक्ट 7 ए के तहत कार्रवाई की जाती है।

मनोज कुमार यादव, आयुक्त क्षेत्रीय भविष्य निधि नोएडा


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