Move to Jagran APP

गांव के अवैध निर्माण पर प्राधिकरण की नजर टेढ़ी

By Edited By: Published: Sun, 21 Sep 2014 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 21 Sep 2014 07:22 PM (IST)

जागरण संवाददाता, नोएडा :

loksabha election banner

गांवों की जमीन पर होने वाले अवैध निर्माण पर प्राधिकरण ने नजर टेढ़ी कर ली है। इसके तहत शनिवार से अभियान शुरू कर दिया गया, जिससे प्राधिकरण की जमीन को भूमाफिया के चंगुल से बचाया जा सके।

इसके प्रथम चरण में अधिकारियों ने सभी जेई से उनके क्षेत्र में आने वाले गांव के हर छोटे-बड़े निर्माणों की जानकारी मांगी है। इसकी रिपोर्ट को लेकर शुक्रवार को प्राधिकरण के सभी जेई ने एसीईओ एके पंवार के साथ बैठक की, जिसमें गांव के निर्माणों को लेकर प्राथमिकता के आधार पर एक सूची तैयार की गई है, जिसमें यह देखा गया है कि गांव की जमीन पर कहां-कहां पर किस प्रकार का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसी के आधार पर अभियान चलाने की तैयारी शुरू की गई। शनिवार को सेक्टर-84 स्थित इलाबास गांव में निर्माणाधीन करीब 12 मंजिला इमारत का काम प्राधिकरण ने रुकवाया दिया।

प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो नोएडा के अधिकांश गांव में इस समय अवैध से रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसमें अधिकांश रूप से छोटी बड़ी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी तैयार हो रही है। ऐसे में बिना नोएडा प्राधिकरण के अनुमति के ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को कैसे तैयार किया जा रहा है? जो ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी तैयार हो रही हैं इसमें रहने आने वाले लोगों को बिजली, पानी की व्यवस्था कैसे और कहां से कराई जाएगी? यहीं नहीं, ग्रुप हाउसिंग से निकालने वाले सीवरेज को कहां ट्रीट किया जाएगा। यदि यह सब नोएडा प्राधिकरण के भरोसे हो रहा है तो इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई। ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को तैयार करने की अनुमति प्राधिकरण से क्यों नहीं ली गई। जो बिल्डर जवाब नहीं देगा उसके निर्माण कार्य को तत्काल रुकवाकर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

प्राधिकरण अपनी जमीन को बचाने के लिए भूमाफिया पर पैनी नजर रखे है। इसके लिए प्राधिकरण ने अभियान शुरू किया है। इसी कड़ी में शनिवार को इलाबास गांव में भी कार्रवाई की गई है।

-अखिलेश सिंह, डीसीईओ, नोएडा प्राधिकरण।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.