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प्रीति को भी झेलनी पड़ी महिला कैदियों की दुत्कार

By Edited By: Published: Sun, 31 Aug 2014 08:50 PM (IST)Updated: Sun, 31 Aug 2014 08:50 PM (IST)
प्रीति को भी झेलनी पड़ी महिला कैदियों की दुत्कार

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

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मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को कार में जिंदा जला अपनी मौत का नाटक रचने वाले आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा की प्रेमिका प्रीति नागर को भी जेल पहुंचने पर महिला कैदियों जमकर दुत्कारा। उसकी बैरक में बंद महिला कैदियों ने उसे खूब खरी खोटी सुनाई। चंद्रमोहन का साथ देने के लिए कोसा। पहली रात उसने जेल का खाना भी नहीं खाया। बैरक के अंदर वह गुमसुम सी बैठी रही। एक महिला कैदी ने उसके नजदीक आने पर प्रीति बुरी तरह डर गई। जिसके बाद महिला पुलिसकर्मियों ने उस बंदी को वहां से हटाया। जिसके बाद वह सो गई। वहीं, प्रीति से मिलने कोई भी परिजन जेल नहीं पहुंचा।

रात भर तो प्रीति डरी-डरी रही, लेकिन, सुबह उसने खुद को निर्दोष बताकर अपने मन की पीड़ा अन्य कैदियों से बयान की। मगर, किसी भी महिला कैदी ने उससे बात नहीं की। चंद्रमोहन द्वारा किए गए घिनौने अपराध के लिए महिला कैदी उसे बराबर का दोषी मान रही थी, इसलिए कोई उस पर विश्वास नहीं कर पा रहा था।

प्रीति को महिला बैरक में रखा गया। वहां 45 अन्य महिलाएं भी बंद हैं। शनिवार रात के खाने में प्रीति को सब्जी, दाल, चावल एवं चपाती दी गई थी, लेकिन उसने खाना खाने से इन्कार कर दिया था। मगर रविवार को सुबह के नाश्ते में उसने दलिया खाया। दोपहर के खाने में उसने सब्जी के साथ दो चपाती और दाल के साथ थोड़े चावल लिए। रविवार रात के खाने में उसने सिर्फ दाल चावल खाए। रविवार को कैदी और बंदियों की मिलाई का दिन रहता है, मगर प्रीति से मिलने उसका कोई परिजन जेल नहीं पहुंचा। जिसके चलते अपनी बैरक के अंदर वह अकेली ही बैठी रही।

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