संक्रमण के खतरे ने बढ़ाई नोएडा में दहशत
मनोज त्यागी, नोएडा :
संक्रमण के बढ़ते खतरे से लोग दहशत में हैं, लेकिन प्राधिकरण व स्वास्थ्य महकमा खतरे से अनजान दिखते हैं। ग्रेटर नोएडा के गांवों में संक्रमण के कोहराम से भी नोएडा शहर में प्राधिकरण व स्वास्थ्य महकमा नहीं चेता है। शहर में भी संक्रामक बीमारी से बच्चों के प्रभावित होने की पुख्ता सूचना है। सरकारी के अलावा, गैरसरकारी अस्पतालों में भी संक्रमण से प्रभावित सैकड़ों की संख्या में लोग भर्ती हैं। शनिवार से अब तक ग्रेटर नोएडा में ही चे बच्चों की मौत हो चुकी है। अगर समय रहते प्रशासन नहीं चेता, तो शहर भी संक्रामक बीमारियों की गिरफ्त में होगा।
ग्रेटर नोएडा के गांव बीरमपुर, चकबीरमपुर, साबौता, नंगला हुकम व नंगला
गणेशी में इस समय डायरिया ने कोहराम मचा रखा है। बीरमपुर की एक साल की प्रियांशी और छह साल की तान्या डायरिया से दम तोड़ चुकी हैं। वहीं, नोएडा के हरौला में रह रहे अशोक की मौत भी दो दिन पहले संक्रामक बीमारी के चलते हो चुकी है।
जिला अस्पताल में इस समय च्0 बच्चे संक्रमण की चपेट में हैं। इसके अलावा भी संक्रच्ति बच्चे शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। ये सच्ी बच्चे निठारी, बरौला, सदरपुर, छलेरा, हरौला व बिशनपुरा गांव के हैं। गैरसरकारी अस्पतालों की बात करें, तो कैलाश में आठ से दस, मेट्रो में 15 से 20 के अलावा, यथार्थ अस्पताल में 10 से 15 मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आ रहे हैं। यह स्थिति नोएडा के दूसरे अस्पतालों से लेकर झोलाछाप डॉक्टरों के पास भी है। वहीं, जिला अस्पताल का आलम यह है कि यहां मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह ही नहीं बची है। गांवों के हालात यह हैं कि यहां कोई मदद के लिए नहीं पहुंच रहा है, जिससे ग्रामीणों काफी रोष है।
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गंदगी ने किया बेहाल
संक्रामक बीमारियों के फैलने में सबसे बड़ी वजह गंदगी है। खाली पड़ी जगहों और पुराने तालाबों में सड़ रहा पानी इस बीमारी के फैलने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। गंदगी का यह आलम अकेले नोएडा के किसी एक गांव में ही नहीं है। कमोबेश यहां के अधिकांश गांवों में यही स्थिति बनी हुई है।
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गांव में कई जगह गंदगी फैली है। इस बारे में कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों को शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। शायद अधिकारियों को किसी बड़ी घटना का इंतजार है।
अंकित चौहान, गांव सदरपुर
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गांव का रास्ता टूटा पड़ा है। जरा-सी बारिश में गंदा पानी सड़क पर आ जाता है। इसके लिए कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार ही नहीं है।
आशु चौहान, गांव सदरपुर
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यहां नाली और सड़क दोनों टूटी पड़ी हैं। इस कारण गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। यहां कुछ जमीनें खाली पड़ी हैं। इसमें भरे गंदे पानी से सड़ांध आती रहती है। अब मौसम बदल रहा है। यहां बीमारी फैल रही है, लेकिन कोई इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है।
विक्रम यादव, गांव सदरपुर
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गांव में गंदगी के कारण बीमारी फैलने लगी है। गांव में कई जगह गंदा पानी भरा है, लेकिन उससे बचाव के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। कुछ लोगों ने यहां पशु पाल रखे हैं। वह भी सारी गंदगी नाली में डाल देते हैं। इस कारण नाली बंद रहती है। प्रशासन को चाहिए कि इस समस्या पर गंभीरता से विचार कर उचित कदम उठाए। ।
सानू, गांव सदरपुर
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क्या करें
- डायरिया की स्थिति में शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इसके लिए चीनी- नमक मिलाकर उसका सेवन करें। इसके अलावा मट्ठा व दही भी ले सकते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
- यदि उल्टी की शिकायत नहीं है, तो सादा भोजन किया जा सकता है। इसमें खिचड़ी बेहतर विकल्प है।
- पांच से छह दस्त होने तक कोई दवा न लें। यदि इससे आगे भी दस्त रहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर दवाई लें।
-ज्यादा उम्र के डायबिटिज और हार्ट के मरीज डायरिया की स्थिति में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या न करें
- तले व गरिष्ठ भोजन का सेवन कतई न करें।
-बाहर का भोजन, चाट या खुले में रखे भोजन का सेवन न करें।
- बाहर से लाए गए नॉनवेज का इस्तेमाल भी न करें।
- पानी का लगातार सेवन जरूर करते रहें।
- दूध न लें व फ्रिज के ठंडे पानी का सेवन भी न करें।
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'बरसात न होने और उमस बढ़ने से बैक्टीरिया बहुत तेजी से फैल रहा है। इसी कारण संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। शहर के गांवों में जहां भी गंदगी की समस्या है। इसके लिए प्राधिकरण को पत्र लिखकर गांवों में सफाई कराई जाएगी।
डॉक्टर आरके गर्ग, मुख्य चिकित्साधिकारी, गौतमबुद्ध नगर''