घरेलू बाजार को लेकर निर्यातकों की शंकाएं बरकरार
--होम एक्सपो---
फोटो: 17 जीएनपी 03 से 05
-उत्पाद की डिजाइन चोरी होने की रहती है आशंका
संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : भारतीय हस्त शिल्प का घरेलू बाजार काफी बड़ा है, लेकिन निर्यातक उत्पाद की डिजाइन चोरी होने की आशंका से घरेलू बाजार में कदम रखने से हिचकते हैं। वैश्विक मंदी के कारण विदेशों में हस्त शिल्प की मांग में कमी आई है। इसके चलते निर्यातक घरेलू बाजार में उतरने का मन बना रहे हैं, लेकिन घरेलू बाजार को लेकर उनकी शंकाएं बरकरार हैं। इसके समाधान के लिए वे देशभर के रिटेल कारोबार से जुड़े एसोसिएशन के साथ मिलकर रणनीति तैयार रहे हैं।
भारतीय हस्त शिल्प की डिजाइन उसकी खासियत है। डिजाइन व हाथ से निर्मित होने के कारण ही भारतीय उत्पाद की विदेश में चीन की अपेक्षाकृत मांग बरकरार है, लेकिन भारतीय हस्तशिल्प के परंपरागत बाजार अमेरिका व यूरोप में मांग रफ्तार नहीं पकड़ रही है। निर्यातकों के लिए घरेलू बाजार में उतरना मजबूरी बनता जा रहा है। हालांकि घरेलू बाजार में भारतीय हस्त शिल्प की काफी मांग है। यह निर्यातकों के लिए काफी बड़ा बाजार है, लेकिन घरेलू बाजार को लेकर निर्यातकों की अपनी चिंताएं हैं। सबसे बड़ी चिंता डिजाइन की नकल को लेकर है। हस्त शिल्प के बाजार में निर्यातकों की संख्या काफी बढ़ चुकी है। उनके पास नए डिजाइन के शोध के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ऐसे में पहले से कारोबार कर रहे निर्यातकों को आशंका है कि घरेलू बाजार में उतरने से उनके उत्पाद की नकल करना काफी आसान हो जाएगा। इसका असर विदेशी निर्यात पर भी होगा। वहीं भुगतान को लेकर भी निर्यातक पसोपेश में हैं। घरेलू बाजार में भुगतान को लेकर निश्चित गाइड लाइन नहीं है, जो कारोबारी घरेलू बाजार में है उन्हें भी भुगतान को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसका असर कारोबार के विस्तार पर भी पड़ता है। इस स्थिति में निर्यातक घरेलू बाजार में उतरने से पहले अपनी शंकाओं को समाधान चाहते हैं। हस्त शिल्प निर्यात संवर्धन परिषद एवं निर्यातक एसोसिएशन इसके लिए देश में रिटेल कारोबार करने वाले कारोबारियों की एसोसिएशन से संपर्क में है। भुगतान व डिजाइन को लेकर गाइड लाइन तय करने पर मंथन किया जा रहा है।
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निर्यातक घरेलू बाजार में उतरने को तैयार हैं। क्लेम, पेमेंट को लेकर निर्यातकों की शंकाएं हैं। इस पर रिटेल एसोसिएशनों से बात चल रही है।
अरविंद बढेरा, निर्यातक
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उत्पाद की नकल निर्यातकों की परेशानी है। घरेलू बाजार में आने पर इसकी आशंका बढ़ेगी।
-सतपाल, निर्यातक